भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। ऐसे में जीडीपी का स्तर उच्च रखने के लिए एमएसपी पर फसल की खरीद आवश्यक है। वर्तमान में मात्र 6 प्रतिशत किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल को बेचते हैं। भारत में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करता है। इसकी घोषणा फसल बुवाई से पहले हो जाती है। ऐसे में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद की जाती है, तो किसान स्व विवेक से यह तय कर सकता है कि उसको कौन सी फसल लाभदायक रहेगी, उसी के आधार पर बुवाई करेगा एवं किसान की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। साथ ही साथ बाजार में बिचौलियों तथा आढ़तियों की मनमानी बंद होगी।
-पंकज नेहरा, चूरू
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सरकार देश में अनाज, दलहन, तिलहन आदि प्रमुख फसलों का एक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। सरकार अपने खरीद केंद्रों के माध्यम से एमएसपी पर किसान से फसल खरीद लेती है। एमएसपी निर्धारित करते वक्त कृषि पैदावार की लागत, मूल्यों में परिवर्तन, मांग-आपूर्ति जैसी कई बातों को ध्यान में रखा जाता है। इससे किसानों को अत्यधिक लाभ होता है, किन्तु वर्तमान समय में अभी सिर्फ छह फीसदी फसल ही एमएसपी पर बिकती है और 94 फीसदी किसान बाजार पर निर्भर हैं। अब नए कृषि विधेयक लागू होने से कृषि मंडिया खत्म हो जाएंगी। ऐसे में किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेच ही नहीं पाएगा। इससे किसानों को अत्यधिक नुकसान होगा। इसी वजह से किसानों ने नए विधेयक का विरोध किय। यदि एमएसपी पर किसानों की फसल बिकती है तो ही किसानों के हित में होगा।
-सुदर्शन सोलंकी, धार, मप्र
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एमएसपी पर ही फसल खरीद की अनिवार्यता का सीधा फायदा हमारे मेहनती किसानों को मिलेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होने एवं एमएसपी पर खरीद की अनिवार्यता से किसानों को अपने हक एवं परिश्रम की कीमत सुनिश्चित होगी। वर्तमान में बिचौलियों एवं मंडी माफियाओं के कारण किसान नुकसान में रहते हैं।
-जितेश माथुर, उदयपुर
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निश्चित तौर पर फसलों की एमएसपी पर खरीद सरकार को अनिवार्य करना चाहिए । इतिहास गवाह है देश की आजादी के बाद से ही अन्नदाता किसान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। उनको अपनी फसलों का उचित मूल्य कभी नहीं मिल पाता। यदि एमएसपी पर फसल खरीद की अनिवार्यता हो तो हालात बदल सकते हैं।
-कुन्ज बिहारी मदबुकर,जांजगीर चम्पा, छत्तीसगढ़
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किसानों की उपज को एमएसपी स्तर पर खरीदने से उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य के अभाव में किसान के वास्तविक श्रम का मुनाफा बिचौलियों की झोली में जाता है। इस कारण से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होता। एमएसपी पर ही फसल की खरीद से किसान समर्थ होगा।
-डॉ.अमित कुमार दवे, खडग़दा
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नए कृषि कानूनों में एमएसपी का उल्लेख न होने से किसान संगठन व विपक्ष विधेयकों के विरोध में है। एमएसपी की अनिवार्यता से किसानों को नुकसान नहीं होगा, उनकी उत्पादन लागत वसूल हो सकेगी। वे मजबूरी में औने-पौने भाव पर फसल नहीं बेचेंगे।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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एमएसपी पर ही फसल खरीद की अनिवार्यता से बहुत बदलाव आएगा। एमएसपी मिलना तय रहेगा, इससे किसानों को लाभ होगा। उनका नुकसान नहीं होगा। वे निश्चिंत होकर खेती करेंगे।
– एम पी कुर्रे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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कृषि हमारे देश का सबसे बड़ा रोजगार का माध्यम है, पर इस क्षेत्र में अनेक समस्याएं हैं। किसानों की सबसे बड़ी समस्या फसल का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पाना ही होती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद होने से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल पाता है।
-शिवम अवस्थी, कांकेर, छत्तीसगढ़
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सरकार किसान की फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है, जिसे एमएसपी कहते हैं। यह एक तरह से सरकार की तरफ से गारंटी होती है कि हर हाल में किसान को उसकी फसल के लिए तय दाम मिलेंगे। इसी दाम पर फसल की खरीद होनी चाहिए।
-ममता श्रीवास्तव, राजनांदगांव
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दलालों से मुक्ति मिलेगी
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदारी की अनिवार्यता से किसानों को फसलों का उचित दाम मिलेगा। किसानों को दलालों से मुक्ति मिलेगी। इस प्रकार के प्रयास से किसानों के लिए बाजार की उपलब्धता का विस्तार हो जाएगा। यह किसानों की आय दोगुना करने में मददगार साबित होगा।
-श्यामलाल, धरियावद
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही फसल की खरीद होने पर किसान आत्मनिर्भर होगा। बिचौलियों की चालबाजी से किसान को मुक्ति मिलेगी। फसल को किसान उचित मूल्य पर बेच पाएगा।
-कुमेर मावई, नयावास, गुढाचन्द्रजी
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न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को सुरक्षा प्रदान करता है। खेती में लागत अधिक लगती है और बदले में उचित मूल्य नहीं मिलने पर किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला जाता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद बेचने से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी।
-नरेन्द्र पेड़वाल, गांवडी,टोंक
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किसान भाई कठिन परिश्रम करके फसल पैदा करते हैं और जनता तक अनाज पहुंचाते हैं। इसलिए एक कदम उनकी सहायता की ओर भी उठना चाहिए। एमएसपी लागू करने से किसान परिवार का विकास होगा, आय में वृद्धि होगी, उनके बच्चे अच्छी शिक्षा ले पाएंगे, बेरोजगारी एवं शहरीकरण कम होगा। देश की जीडीपी बढ़ेगी और किसान का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
-दीक्षा मंगल, धौलपुर
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एमएसपी पर फसल खरीद की अनिवार्यता से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य समय पर मिल जाता है। किसान भाइयों को अपनी फसल को बेचने की चिंता नहीं रहती है। इससे किसानों को परेशान नहीं होना पड़ता। किसान अगली फसल की तैयारी बेहतर तरीके से करने लग जाते हैं।
-कुशल सिंह राठौड़,जोधपुर
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किसान अपने उत्पादन को दाम बढऩे तक रोक कर रखनें में अक्षम है। अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण फसल औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर हो जाता है, जिससे लागत निकालना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि कृषि घाटे का घंधा बन कर रह गई है। एमएसपी पर खरीद की अनिवार्यता से किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। इससे कृषि का रकबा बढ़ेगा। गांव में ही सम्मानजनक रोजगार मिलने से पलायन रूकेगा।
-कमलेश कुमार उपाध्याय, कटनी, मध्यप्रदेश
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की अनिवार्यता से किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ होगा तथा किसान को आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाना पड़ेगा। युवा कृषि की और अपना रुझान करेंगे जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
-रमेश भाखर, फागलवा, सीकर