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आपकी बात…गर्मी के तेवर तीखे क्यों होते जा रहे हैं ?

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जयपुरMay 22, 2024 / 02:33 pm

विकास माथुर

भीषण गर्मी

भरी दोपहरी में ग्राहक का इंतजार करती सब्जी बेचने वाली महिला।

पेड़ कम व कंकरीट के जंगल बढ़ने से
पेड़ों की निरंतर कटाई होने से हरे-भरे पेड़ पौधे खत्म हो गए हैं। दूसरी ओर, शहर के चारों ओर कंकरीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ती आबादी व माइग्रेशन की वजह से इमारतों का ​कंस्ट्रक्शन लगातार हो रहा है। इसी वजह से पानी व बिजली पर अधिक दबाव पड़ रहा है। इसी से गर्मी के तेवर तीखे नजर आ रहे हैं।
—सुरेंद्र कुमार बिंदल, “नालोटिया”, जयपुर
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ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ता स्तर
पेड़ों की निरंतर कम होने, फैक्ट्रियों, बिजली संयंत्र और वाहनों से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों जैसे मीथेन नाइट्रस ऑक्साइड, आदि के बढ़ते स्तर के कारण वातावरण में बहुत अधिक गर्मी हो रही है। वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। लोगों को पौधे लगाने के लिए जागरूक करना पड़ेगा।
— प्रणय सनाढ्य, उदयपुर
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जन जागरूकता का अभाव
उत्तराखंड के जंगलों में आग, तेजी से जलवायु परिवर्तन, पानी का अत्यधिक दोहन, ग्लोबल वार्मिंग, बारिश के पैटर्न में बदलाव, ग्लेशियर का पिघलना, कार्बन का उत्सर्जन ज्यादा होना आदि ऐसे अनेक कारण हैं जो कि गर्मी के तेवरों को तीखा कर रहा है। लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रकृति की ओर ध्यान देना होगा तभी तेज गर्मी पर लगाम लग सकेगी।
— संदीप छीपा, दौसा
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कार्बन उत्सर्जन चरम पर
लगातार और तेजी से हो रहा भूमंडलीय परिवर्तन के कारण वर्षा चक्र अनियमित होता जा रहा है। कुल भू क्षेत्रफल का 33% में वन होने चाहिए लेकिन 14% ही वन क्षेत्र हैं । कृषि भूमि और वनों को कंकरीट के जंगल तेजी से निगलते जा रहे हैं जिसके कारण भूमि में जल संग्रहण क्षमता कम होती जा रहीं है। कार्बन उत्सर्जन चरम पर है। हर घर वातानुकुलित होते जा रहे हैं और वातानुकूलन संयन्त्रों से उत्सर्जित गर्मी से वातावरण धधक रहा है।
— बिपिन चंद्र जोशी, बेंगलुरु
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जलवायु परिवर्तन से तापमान में बढ़ोतरी
जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। मानव गतिविधियों, जैसे जीवाश्म ईंधनों का जलाना और वनों की कटाई से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ रहा है। ये गैसें वातावरण में तापमान बढ़ा रही हैं, जिससे हीटवेव्स और गर्मियों की तीव्रता बढ़ रही है। साथ ही, शहरीकरण और प्राकृतिक आवरण में कमी से भी तापमान बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम पैटर्न में अनियमितता आ रही है, जिससे गर्मी और भी तीव्र हो रही है।
— संजय माकोड़े बैतूल, मप्र
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हरियाली का नष्ट होना
इसका कारण पेड़ पौधों और हरियाली की कमी का होना है। शहर के बीचोंबीच ऊंची इमारतों में बढ़ोतरी हुई है। सरकार भी विकास के नाम पर हरियाली को नष्ट कर रही है। बारिश के मौसम में बहुत सा पानी, नालों में बहकर व्यर्थ चला जाता है। उसका सदुपयोग नहीं हो रहा है।
आनन्द सिंह राजावत, पाली
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पर्यावरण के प्रति करें जाग्रत
गर्मी का प्रकोप कम करने का एकमात्र उपाय है कि हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। बच्चों एवं लोगों को पर्यावरण के प्रति जाग्रत करना होगा। सोसायटी, कॉलोनी, मोहल्ले में पौधरोपण के साथ उन्हें सहेजना भी होगा।
—ओमकारनाथ तिवारी, वडोदरा
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अनियंत्रित आबादी की वजह से तेज गर्मी
वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, कंक्रीट की इमारतों की बढ़ोतरी, अनियंत्रित आबादी , पड़ोसी देशों में आर्टिफिशियल बरसात की अधिकता , ओजोन परत की क्षति , एयरकंडीशनर की बहुलता, आदि वे प्रमुख कारण समझ आते हैं जिनके चलते गर्मी बढ़ रही है ।
—विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल
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ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते प्रभाव के कारण
भारत में बढ़ता वाहनों का प्रदूषण, कटते जंगल और विकासशील देशों में बढ़ता ग्रीनहाउस गैस प्रभाव, सूखते जल संसाधनो के कारण गर्मी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं ।
—अनिल भार्गव, गुना, मध्य प्रदेश

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