व्यक्तिगत वॉल्ट के फाइनल में करमाकर 13.566 के औसत स्कोर के साथ आठ जिमनास्टों के बीच शीर्ष पर रहीं। अपने दोनों प्रयासों में, 30 वर्षीय को 13.566 के समान स्कोर प्राप्त हुए। उत्तर कोरियाई किम सोन हयांग (13.466) और जो क्योंग ब्योल (12.966) ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीते।
दीपा ने दूसरी बार एशियन चैंपियनशिप में जीता मेडल
इससे पहले करमाकर ने 2015 में हिरोशिमा में इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। 2016 में रियो ओलंपिक में वॉल्ट फाइनल में चौथे स्थान पर रहने के बाद वह देश में एक घरेलू नाम बन गईं। करमाकर ने 2014 में ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक भी जीता।
डोप टेस्ट में फेल हुई थी
प्रतिबंधित पदार्थ के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद 21 महीने का प्रतिबंध झेलने के बाद करमाकर पिछले साल एक्शन में लौटीं। फरवरी 2023 में दीपा करमाकर डोप टेस्ट में फेल हुई थी। इस कारण उन पर का बैन लगाया गया था। अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (ITA) के मुताबिक दीपा करमाकर का अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक महासंघ की ओर से आउट ऑफ कॉम्पिटिशन लिए गए सैंपल में प्रतिबंधित दवा हाइजेनामाइन लेने का दोषी पाया गया था। दीपा के सैंपल 11 अक्टूबर 2021 को प्रतियोगिता के बाद लिए गए थे। उन पर प्रतिबंध 10 जुलाई 2023 तक जारी रहा था।
एशियाड 2022 में नहीं मिली थी स्क्वॉड में जगह
दीपा को पिछले साल हांग्झू में हुए एशियन गेम्स में भारत के जिम्नास्टिक स्क्वाड में जगह नहीं मिली थी। जिमनास्टिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (GFI) ने दीपा करमाकर का नाम भेजा था। हालांकि, केंद्रीय खेल मंत्रालय की आखिरी मंजूरी से पहले उनका नाम इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन IOA ने काट दिया था। लंबे समय तक हिस्सा नहीं लेने के कारण स्टार जिमनास्ट को बाहर किया गया था। दीपा की जगह प्रणति नायक और प्रणति दास को आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक की एशियाड टीम में जगह मिली थी।