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भारतीय पुरुष टीम ने लगातार दूसरी बार जीता खिताब
भारतीय पुरुष टीम ने लगातार दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाया है। भारतीय टीम ने इससे पहले सूरत में 2015 में इस खिताब पर अपना नाम लिखाया था। बता दें कि भारत ने पहली बार यह खिताब 2004 में मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में जीता था।
पुरुष वर्ग में अपना 26वां जन्मदिन मना रहे हरमीत देसाई ने न केवल भारत को खिताब गंवाने से बचा लिया, बल्कि अपना मुकाबला जीतकर मैच में भारत की शानदार वापसी कराकर उसे चैंपियन भी बना दिया। भारतीय टीम पहले दो मुकाबले हारकर 0-2 से पीछे थी। भारत के स्टार खिलाड़ी अचंता शरत कमल और जी साथियान अपना मैच हार चुके थे। इसके बाद हरमीत ने मैच में वापसी कराई। इसके बाद उलट मुकाबले में साथियान और अचंता ने फिर अपने-अपने मुकाबले जीतकर इंग्लैंड को 3-2 से हराया।
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महिला वर्ग में एकतरफा रहा मामला
महिला वर्ग में अर्चना कामत ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने हो टिन टिन को पराजित किया। इसके बाद मनिका बत्रा ने डेनिस पायेट को और मधुरिका पाटकर ने एमिली बाल्टन को मात देकर भारतीय टीम को इंग्लैंड पर 3-0 की खिताब जीत दिला दी। इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले में लगातार आठ बार की विजेता सिंगापुर को भारतीय टीम ने एकतरफा मुकाबले में 3-0 से शिकस्त दी थी। सिंगापुर की महिला टीम 1997 से यह ट्रॉफी लगातार अपने नाम करती आ रही थी।