जापान के उप प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि शापित है ओलंपिक
जापान के उप-प्रधानमंत्री टारो असो ने भी ओलंपिक 2020 रद्द होने से पहले कहा था कि टोक्यो ओलंपिक 2020 शापित है और इसके आयोजन पर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा था कि जैसा 1940 और 1980 ओलंपिक के साथ हुआ, वैसा ही 2020 ओलंपिक के साथ हो रहा है। यह एक ऐसी परेशानी है, जो हर 40 साल में ओलंपिक पर आता है। उन्होंने कहा था कि यह ओलंपिक शापित है और यह एक तथ्य है। जापान के उप प्रधानमंत्री ने क्यों ऐसा कहा था, आइए जानते हैं।
1940 के ओलंपिक का आयोजन भी जापान की राजधानी टोक्यो में ही किया जाना था। जापान ने 21 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक चलने वाले खेल के इस महाकुंभ की पूरी तैयारी भी कर ली थी। जापान को 1932 में इसकी मेजबानी मिली थी। टूर्नामेंट के आयोजन से एक साल पहले 1939 में दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया, जो 1945 तक चला और इसका आयोजन रद्द करना पड़ा।
मॉस्को ओलंपिक 1980 पर पड़ी बहिष्कार की काली छाया
इसके 40 साल बाद 1980 में ओलंपिक गेम रूस की राजधानी मॉस्को में होना था। शीत युद्ध के इस काल में अमरीका और रूस का टकराव जगजाहिर था। इस कारण अमरीका और उसके मित्र देशों को मिलकर कुल 66 देशों ने इस ओलंपिक का बहिष्कार कर दिया।
मॉस्को ओलंपिक 1980 के 40 साल बाद इसका आयोजन इस साल एक बार फिर टोक्यो में हो रहा था। लेकिन इस पर कोरोना वायरस का ऐसा साया पड़ा कि इसे एक साल के लिए स्थगित करना पड़ा। यहां यह भी बता दें कि हालांकि अब टोक्यो ओलंपिक अगले साल यानी 2021 में आयोजित होगा, लेकिन इसे अब भी टोक्यो ओलंपिक 2020 के नाम से ही जाना जाएगा। इतना ही नहीं यह भी बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार होगा कि ओलंपिक तय समय पर नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा एक तथ्य और है कि यह दूसरी बार है, जब जापान में होने वाले किसी ओलंपिक पर काली छाया पड़ी है। 1940 में जो ओलंपिक रद्द हुआ था, वह भी टोक्यो में था और 2020 में जो ओलंपिक एक साल के लिए स्थगित हुआ है। वह भी यहीं खेला जा रहा है।