फतहनगर-धूणी बायपास के समीप स्थित कपास फैक्ट्री में शुक्रवार रात आग लगने से लाखों के गटï्ठर खाक हो गए। आग पर काबू पाने के लिए पानी के टैंकरों का सहारा लिया गया। लगभग नौ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि रूई के गट्ठरों से उठ रहे धुएं को बुझाने का प्रयास शनिवार दोपहर 12 बजे तक चलता रहा। जानकारी अनुसार धूणी बाइपास के समीप फूलचन्द कुमावत की सांवरिया जिनिंग कम्पनी में रात 12.05 बजे अचानक आग लग गई।
इस दौरान फैक्ट्री चल रही थी और लगभग 5 से 10 कर्मचारी मशीन पर काम कर रहे थे। आग की लपटें देख आधे कर्मचारी फैक्ट्री से बाहर निकल आए, जो अन्दर थे उन्होंने अग्निशमन यंत्र से आग बुझा पाई का प्रयास किया, लेकिन आग नहीं बुझा पाई, बाद में कर्मचारियों ने इसकी सूचना थाने में दी। सूचना मिलते ही थानाधिकारी रोशनलाल खटीक मय जाब्ता मौके पर आ पहुंचे। इधर, सूचना पर नगरपालिका सहित अन्य पानी के टैंकर मौके पर आकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। करीब नौ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह नौ बजे तक आग पर काबू पाया गया।
इस दौरान कर्मचारियों ने फैक्ट्री की एक दीवार को तोड़कर रूई के गट्ठरों को बाहर फेंका। घटना की जानकारी मिलते ही शादी में गए फैक्ट्री मालिक फूलचन्द्र कुमावत तड़के करीब 3.30 बजे फैक्ट्री पर आ पहुंचे। शनिवार नौ बजे बाद भी कर्मचारियों ने तीन घंटे तक रूई के गट्ठरों में से उठ रहे धुएं को पानी से बुझाने का प्रयास करते हुए फैक्ट्री को खाली किया। किसी भी कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं हुआ। फैक्ट्री मालिक ने बताया कि आगजनी की घटना से मशीनों के पाट्र्स व वहां रखी रूई की गठानें नष्ट हो गई। घटना में लाखों रुपए का नुकसान बताया गया है।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारियांे के अनुसार फैक्ट्री मेंअचानक हुए शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। एक बार तो आग की लपटें उठती देख हम बाहर निकल आए, बाद में आग बुझाने के लिए प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगते देख पानी के टैंकर मंगवाने पड़े। सुबह आग से हुए नुकसान का आकलन किया, जिसमें करीब 50 लाख रुपए सेअधिक का नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
कस्बे में हो एक दमकल
क्षेत्र में गर्मी के दिनों में खेत खलिहान में आग लगने की घटनाएं होती रहती है ऐसे में उदयपुर या फिर दरीबा से दमकल मंगवानी पड़ती है। दमकल आने तक नुकसान हो जाता है। गत वर्ष के दिसम्बर माह में फतहनगर रेलवे स्टेशन के समीप मालगाड़ी के इंजन में आग लग गई थी तब भी दमकल को आने में घंटा भर लग गया था और शुक्रवार को कपास की फैक्ट्री में लगी आग को बुझाने में दमकल नहीं आया। दोनों जगहों पर पानी के टैंकरों का ही सहारा लेना पडा़ है। यदि नगर में दमकल की व्यवस्था हो तो आगजनी से बचा जा सकता है।
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