एस्टांगुएट ने कहा, हमने खेलों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, इसमें खेलों को बाद तक के लिए स्थगित करना भी शामिल है। हमें पता था कि यह एक बड़ी चुनौती होगी। हम बारिश की स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। हमें पूरा विश्वास है कि चीजें आगे बेहतर होंगी और सीन नदी में खेलों का आयोजन समय से हो सकेगा। लेकिन यदि चीजें बहुत मुश्किल रहीं तो हमारा अंतिम निर्णय स्पर्धाओं को रद्द करना होगा। यह अंतरराष्ट्रीय महासंघ के नियमों का हिस्सा है। लेकिन निश्चित रूप से हम इससे बचना चाहते हैं।
पानी के 14 सैंपल सुरक्षा मानकों में विफल
चैरिटी सर्फांइडर फाउंडेशन यूरोप ने कहा, हमने सीन नदी के एलेक्जेंडर ब्रिज के पास से पानी के 14 सैंपल एकत्र किए थे, जो सुरक्षा मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं। ये वो ब्रिज है, जहां से ओलंपिक खेलों के दौरान ट्रायथलॉन, मैराथन तैराकी और पैरा-ट्रायथलॉन स्पर्धाओं की शुरुआत होगी।
भारी बारिश से बढ़ सकता है बैक्टीरिया का स्तर
दरअसल, ओलंपिक खेलों के दौरान बारिश होने की संभावना है। ऐसे में यदि स्पर्धा से पहले बारिश होती है तो सीन नदी में पानी का स्तर बढ़ जाएगा। इस कारण पानी में बैक्टीरिया का स्तर भी बढ़ सकता है और यह तैराकों के स्वास्थ्य के लिए घातक होगा।
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पिछले साल दो स्पर्धाएं हो चुकी रद्द
सीन नदी के पानी की गुणवत्ता पर सवाल पहले भी उठते रहे हैं। पिछले साल अगस्त में यहां ओपन वॉटर स्विमिंग विश्व कप और वल्र्ड ट्रायथलॉन पैरा कप का आयोजन होना था, लेकिन खराब पानी के कारण दोनों को रद्द कर दिया गया।
102 साल तक लगा रहा प्रतिबंध
-स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण सीन नदी में 102 साल तक तैराकी करने पर प्रतिबंध लगा रहा। कुछ साल पहले ही ओलंपिक के कारण यहां तैराकी की अनुमति मिली है। -आयोजकों का कहना है कि सीन नदी को तैरने के लिए सुरक्षित बनाने के लिए पुनर्जनन परियोजना पर लगभग 12684 करोड़ रुपए (1.2 बिलियन पाउंड) खर्च किए जा रहे हैं। -यह सुनिश्चित करने के लिए कि पानी सुरक्षित है, ओलंपिक के दौरान हर दिन पानी का परीक्षण किया जाएगा।