दरअसल, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर लंदन में रह रहे नवाज शरीफ के प्रत्यर्पण ( Nawaz Sharif Extradition From Britain ) को लेकर इमरान सरकार ने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे ब्रिटेन की ओर से नवाज शरीफ को पाकिस्तान को सौंपे जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने नवाज शरीफ को स्वदेश लौटने में विफल रहने के बाद कानूनी तौर पर भगौड़ा घोषित किया था। भ्रष्टाचार के मामले में कोट लखपत जेल में बंद रहने के दौरान स्वास्थ्य का हवाला देकर इलाज कराने के लिए लंदन गए नवाज शरीफ पाकिस्तान वापस नहीं लौट रहे हैं, जबकि उनकी समयसीमा खत्म हो चुकी है।
चौधरी सुगर मिल्स मामले में नवाज शरीफ दोषी करार
आपको बता दें कि सूचना मंत्री शिबली फराज ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि यह ब्रिटिश अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे नवाज खरीफ जैसे सजायाफ्ता अपराधियों को अपने देश में न रहनें दें। उन्होंने कहा कि हमने नवाज शरीफ को वापस लाने की कोशिश की है और हम कोशिश करेंगे।
मालूम हो कि चौधरी शुगर मिल और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में 2019 में नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर कोट लखपत जेल भेज दिया गया था। इसके बाद पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने 30 सितंबर 2019 को लाहौर हाई कोर्ट को दरवाजा खटखटाया और जमानत की मांग की थी।
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इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में 29 अक्टूबर तक चिकित्सा आधार पर जमानत दी थी। जबकि उससे एक दिन पहले लाहौर हाई कोर्ट ने भी चौधरी शुगर मिल्स मामले में उन्हें जमानत दी थी। दोनों ही मामलों में उन्हें चिकित्सकीय आधार पर जमानत मिली थी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज को भी पिछले साल चौधरी शुगर मिल केस में गिरफ्तार किया गया था।