लेकिन, पाली पुलिस ने करीब 15 किलोमीटर तक पीछा किया। रास्ते में नाथूराम की गाड़ी बंद हो गई तो वह पकड़ में आ गया। शनिवार शाम को पाली पुलिस नाथूराम व उसके साथी सुरेश को लेकर रवाना हुई।
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि नाथूराम अपने साथी के साथ कार से अहमदाबाद की तरफ आ रहा है। इस पर टीम में शामिल नाडोल चौकीप्रभारी कमलसिंह, साइबर सैल के गौतम आचार्य, हैड कांस्टेबल चुन्नाराम व रानी थाने के कांस्टेबल गौरतमल बागोदड़ा टोल नाके (राजकोट) के निकट तैनात हो गए।
आरोपित टोल नाके के निकट पहुंचे तो पाली पुलिस उसे पकडऩे दौड़ी। यह देख नाथूराम ने हवाई फायर कर दिया। जवाब में पाली पुलिस ने भी हवाई फायर किए। इस पर नाथूराम कार घुमाकर वापस भागा।
पुलिस ने भी करीब 15 किलोमीटर तक पीछा किया। इस बीच रास्ते में आरोपित की कार बंद हो गई तो वह पैदल ही भागने लगा। टीम ने पीछाकर नाथूराम व उसके एक साथी को पकड़ लिया।
33 दिनों में बदले 33 ठिकाने33 दिनों की फरारी में नाथूराम को पकड़े जाने का डर रहता था। इसलिए वह एक दिन से ज्यादा किसी जगह पर नहीं रुका। इन 33 दिनों में उसने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश से लेकर गुजरात में 33 से ज्यादा ठिकाने बदले। लेकिन, साइबर टीम व मुखबिर
तंत्र की सूचना पर आखिरकार वह पकड़ा गया।
तकनीकी सहायता से आया पकड़ में
आरोपित ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट अपडेट की। इस पर साइबर सैल के गौतम आचार्य ने तकनीकी सहायता से उसकी लोकेशन ट्रेस की। यह है मामला
16 नवम्बर को चेन्नई के लक्ष्मीपुरम की कडप्पा रोड स्थित मुकेश जैन की शॉप से करीब साढ़े तीन किलो सोने व साढ़े चार किलो चांदी के आभूषण व करीब दो लाख रुपए नकद नाथूराम ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर चोरी किए थे।
तलाश में चेन्नई से आए पुलिस दल ने 12 दिसम्बर की देर रात को जैतारण-रामावास मार्ग स्थित एक चूने के भट्टे पर सादी वर्दी में दबिश दी थी। जहां आरोपित व वहां रह रहे लाटौती निवासी तेजाराम जाट के परिवार ने हमला कर दिया। इस दौरान गोली लगने से चैन्नई के मदुरहौल थाना के सीआई पेरियापांडियन की मौत हो गई थी। इस दौरान मौका देख नाथूराम फरार हो गया था।