मामले के घटनाक्रम को देखते हुए पीडि़ता की सुरक्षा बढ़ाई गई है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि पीडि़ता की सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। इधर, आलावास स्थित दाती के गुरुकुल से संबंधित दस्तावेज प्रबंधन की ओर से बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सामने पेश करने थे, लेकिन गुरुकुल प्रबंधन ने शाम पांच बजे तक यह पेश नहीं किए। तीन दिन पूर्व विभाग ने गुरुकुल पर छापा मारकर गुरुकुल के दस्तावेज कार्यालय में पेश करने के लिए प्रबंधन को कहा था।
दाती का दावा है कि उसके आश्रम में रहने वाले दोनों सेवकों ने उसके नाम का गलत इस्तेमाल करके पैसे की उगाही की। दाती के मुताबिक जिन लोगों से सेवकों ने उगाही की वह अब बत्तीस करोड़ रुपए मांग रहे हैं। जबकि उसे इस लेन देन की कोई जानकारी नहीं है। दाती जिन पर आरोप लगा रहा है उनमें से एक शख्श तो पिछले कई वर्षों से दाती के आश्रम का का हिसाब किताब देखता था। दाती ने जिसपर पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया है, उसका दावा है कि अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए दाती उन पर गलत आरोप लगा रहा है। दाती का दावा है कि इन्हीं सेवकों ने कुछ दिन पहले अपने बांउसरों के साथ उसकी कार को गुडग़ांव में घेरा था और देख लेने की धमकी दी थी।
पीडि़ता ने दाती की गिरफ्तारी को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पीडि़ता का दावा है कि पुलिस दाती को गिरफ्तार करने में देरी कर रही है। दूसरी तरफ अदालत ने पीडि़ता की गुहार के बाद दिल्ली पुलिस को इस मामले में सोमवार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। पीडि़ता ने दाती के अलावा अशोक, अनिल और अर्जुन के खिलाफ भी आरोप लगाए थे। बुधवार को तीनों दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच मे पेश हुए। पुलिस ने घंटों इनसे पूछताछ की। पुलिस सूत्रों की मानें तो कुछ सवालों के जबाव उन्हें मिले लेकिन कुछ सवाल अब भी अनसुलझे हैं। इससे पहले मंगलवार को दाती कई दिन छुपे रहने के बाद क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ। जहां उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।