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felicitation ceremony: इन दो लोगों ने दिल्ली व देहरादून तक प्रदेश का नाम चमकाया

पाली के वैभव का दिल्ली में सम्मान, राठौड़ बने लेफ्टिनेंट।

पालीDec 11, 2023 / 11:12 am

Rajeev

felicitation ceremony: इन दो लोगों ने दिल्ली व देहरादून तक प्रदेश का नाम चमकाया

वैभव भंडारी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से प्राे. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार 2023 का आयोजन दिल्ली में हुआ। जिसमें दिव्यांगों के जीवन को बेहतर व आत्मविश्वास युक्त बनाने के लिए रविवार को पाली के डॉ. वैभव भंडारी का सम्मान किया। उनका बहुमान रजत शर्मा, राजशरण शाही, याज्ञवल्क्य शुक्ल आदि ने किया। समारोह में दस हज़ार से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। भंडारी ने वहां साधारण व्यक्ति से इस मंच पर पहुंचने के सफर के बारे में बताया। यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से हर साल दिया जाता है। जिसमें देश के ऐसे युवा का चयन किया जाता है, जिसने सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। इस पुरस्कार में स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र के साथ राशि भेंट की जाती है। इस बार अमृत महोत्सव में 3 युवाओं को युवा पुरस्कार से नवाजा। इससे पहले भंडारी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
हेलन केलर पुरस्कार भी मिला
नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल की ओर से वर्ष 2023 के पुरस्कारों में देश से 3 व्यक्तियों का चयन किया था। यह सम्मान समारोह 9 दिसम्बर को दिल्ली में हुआ। उसमें भी पाली के भंडारी का बहुमान किया।

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राठौड़ ने नाम किया रोशन, बड़े दादा की प्रेरणा से जागा देश सेवा का जज्बा
पाली के रहने वाले लेफ्टिनेंट निखिलेंद्र सिंह राठौड़ ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से 15 गार्ड में कमीशन प्राप्त किया है। वे मूल रूप से खारिया मीठापुर के रहने वाले है। अभी वे पाली के राजेन्द्र नगर में रह रहे है।
राठौड़ ने बताया कि बड़े दादा मेघसिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर कार्यरत थे। उनको वर्ष 1965 में वीर चक्र प्राप्त हुआ था। उनके साहस व शौर्य को देखकर उनमें भी भारतीय सेना में जाकर देश सेवा करने जज्बा जागा। इसके लिए उनके दादा गोविंदसिंह भदावत व पिता हनुवंत सिंह ने हौसला बढ़ाया तो लेफ्टिनेंट बनने के लिए ग्रेजुएशन पूर्ण कर कमाइंड डिफेंस सर्विस की परीक्षा दी। पहले प्रयास में ही सफल होने के बाद पांच दिन के साक्षात्कार व अन्य परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उनका चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। प्रशिक्षण में भारत के 344 के साथ 30 विदेशियों का भी प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ। यह डेढ़ वर्ष का प्रशिक्षण पूर्ण होने पर अब उनको भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से 15 गार्ड में कमीशन प्राप्त मिला है।
100-120 जवानों की कम्पनी
उन्होंने बताया कि लेफ्टिनेंट के प्रशिक्षण में शस्त्रों को चलाने के साथ अन्य कई तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। अब लेफ्टिनेंट बनने पर वे कम्पनी के कमांडर होंगे। उनकी कम्पनी में 100-120 तक जवान होंगे। जिनके साथ उनको दिए गए मिशनों को उन्हें पूर्ण करना होगा।

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