जानकारी के अनुसार नेमीचंद मेघवाल की जून 2014 में तबीयत बिगड़ी। उनके हाथ व पैर पर सूजन आ गई। निरंतर स्वास्थ्य बिगडऩे पर उन्होंने जैतारण के राजकीय चिकित्सालय में उपचार करवाया, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर जोधपुर गए। वहां जांच के दौरान पाया कि उनकी दोनों किडनी फैल हो चुकी है। बिना किडनी उनके जीवन पर संकट में है। चिकित्सकों ने बताया कि एक किडनी मिलने से जीवन बचाया जा सकता है। तब उनकी पत्नी अंजली किडनी देने के लिए सहर्ष सहमत हो गई।
करवा चौथ विशेष : मेरी आंखों से तू देख, तेरे पांवों से मैं चलूंगी पत्नी बनी सहारानेमीचंद मेघवाल ने बताया कि उनके पिताजी के दमा की बीमारी व मां को कैंसर है। ऐसे में किडनी की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल हो गया। अब अंजली की एक किडनी के सहारे जीवनचर्या निर्वहन कर रही है। दूसरी किडनी से उनके पति को नया जीवन मिला है। दोनों पिछले पांच वर्ष से स्वस्थ एवं सुखमय जीवन बिता रहे हैं।