हुआ यूं कि रोहट क्षेत्र के राणा गांव की निवासी लेहर कंवर को शुक्रवार सुबह नौ बजे सांस की तकलीफ होने पर बांगड़ चिकित्सालय लाया गया। अस्पताल में बेड नहीं होने पर उनको कोविड ओपीडी में व्हील चेयर पर बैठाकर ऑक्सीजन लगाई गई। इसके चार घंटे बाद दोपहर एक बजे महिला को बड़ी मुश्किल से बताया गया कि बेड मिल गया है। उनके पति जैसे ही व्हील चेयर लेकर वार्ड की तरफ जाने को तैयार हुए।
उसी समय डेंडा गांव के रहने वाले 40 साल के युवक बाबूलाल पुत्र उदाराम घांची को परिजन अस्पताल पहुंचे। उनका ऑक्सीजन लेवल 43 ही था। हालात गंभीर थी और बेड नहीं था। इस पर लेहर कंवर व उनके पति ने वहां मौजूद चिकित्साकर्मियों से कहा कि मैं दो घंटे ओर इंतजार कर लूंगा, आप मेरा बेड इस युवक को दे दीजिए।
इस युवक के बच्चे होंगे छोटे
युवक को बेड देने का कहते समय चिकित्साकर्मियों से भंवरसिंह ने कहा कि इस युवक के बच्चे छोटे होंगे। इसे कुछ हो गया तो उनका क्या होगा। मेरी पत्नी से ज्यादा इस युवक की तबीयत खराब है। मेरी पत्नी तो कुछ देर ओर इंतजार भी कर सकती है। उनकी यह बात सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।