चुनाव आयोग ने नामांकन पत्र में 26 बदलाव किए है। विधानसभा चुनाव के परिणामों में विजयी प्रत्याशियों को परिणाम जारी होने के 30 दिन के अंदर यह प्रमाण चुनाव आयोग के समक्ष पेश करना होगा कि उन्होंने किन-किन अखबारों और न्यूज चैनलों में अपने आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक की थी। राजनीति का आपराधीकरण रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्णय किया गया है। यदि कोई प्रत्याशी किसी दल विशेष से चुनाव लड़ता है तो उसे अपनी पार्टी को भी इस बारे में जानकारी देनी होगी। राजनीतिक पार्टियों को भी अपनी वेबसाइट पर अभ्यर्थियों के संबंध में यह जानकारी अपलोड करनी होगी। उन्होंने बताया कि आपराधिक मामलों को निर्धारित फोंट साइज (जो कि 12 तय किया गया है) में सार्वजनिक करना होगा। इसमें खास बात यह है कि अपराध का क्रम तय रहेगा। इसके तहत हाल ही में दर्ज अपराध या प्रकरण पहले नंबर पर रहेंगे।
विधानसभा आम चुनाव के तहत जिले में नकद राशि व वस्तुओं की जब्ती का विवरण व सीडी प्रस्तुत करनी होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चुनाव के तहत उडऩ दस्ता, स्थैतिक निगरानी दल, पुलिस एवं अन्य विभागों की ओर से नकद राशि व वस्तुओं की जब्ती करने पर उसकी विवरणनात्मक सूचना एवं सीडी निर्धारित प्रपत्र में भारत निर्वाचन आयोग को तत्काल प्रेषित करनी होगी।