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वर्तमान में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से 100 केएलडी तक पानी डिस्चार्ज करने वाली इकाइयों को क्षेत्रीय कार्यालय से कंसेंट मिलती थी। इससे अधिक की कंसेंट जयपुर मुख्यालय से मिलती थी। इसे लेकर 2 दिन पूर्व जोधपुर लघु उद्योग भारती के कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल से पाली से गए प्रतिनिधि मण्डल ने इसमे बदलाव का आग्रह किया था। इस पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ऑरेंज श्रेणी की औद्योगिक इकाईयां, जो 50000 मीटर तक औद्योगिक भूखंड पर है। उसकी अनुमति क्षेत्रीय कार्यालय देने का अधिकारी दिया है। इसके साथ ही रेड श्रेणी में 200 केएलडी तक पानी डिस्चार्ज करने वाली इकाई को क्षेत्रीय कार्यालय से अनुमति मिल सकेगी।
विनय बम्ब, महासचिव, जोधपुर अंचल, लघु उद्योग भारती
रेड श्रेणी के इन प्रकरणों का अधिकारी अब क्षेत्रीय अधिकारी को
1. यार्न/कपड़ा प्रसंस्करण में 200 केएलडी तक डिस्चार्ज होने वाले किसी भी अपशिष्ट/उत्सर्जन उत्पन्न करने वाली प्रक्रिया, ब्लीचिंग, रंगाई, छपाई और परिमार्जन आदि की सम्मति।
2. सीईटीपी से जुड़ी टैनरियां (चमड़े आदि से जुड़े उद्योग)
3. डाई और डाई-इंटरमीडिएट्स (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
4. स्याही, रंगद्रव्य और फॉर्मूलेशन के अलावा मध्यवर्ती (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
5. पेंट, वार्निश, पिगमेंट और इंटरमीडिएट का विनिर्माण (सम्मिश्रण/मिश्रण को छोड़कर) (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
6. जैविक रसायन विनिर्माण (फॉर्मूलेशन को छोड़कर) (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
7. सिंथेटिक डिटर्जेंट और साबुन (बड़े और मध्यम पैमाने पर)
8. क्लोर क्षार (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)