समग्र शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों व कार्मिकों ने प्रथम चरण के प्रशिक्षण के लिए कस्बे से डेढ़ किलोमीटर कपूड़ी के मर्ज स्कूल भवन का चयन किया। ये भवन पांच साल से अनुपयोगी है। इस भवन के आस पास झाडिय़ां होने के साथ ही एक शोचालय ही है। वह भी खस्ताहाल है।
प्रथम चरण का गैर आवासीय शिविर 16 अक्टूबर से शुरू हुआ। इस शिविर में 144 में से 134 शिक्षक शिक्षिकाएं हिस्सा ले रहे हैं। इनमें 50 प्रतिशत शिक्षिकाएं है। ब्लॉक के विविध गांवों की स्कूलों में पदस्थापित ये शिक्षिकाएं बस से रायपुर पहुंचती है। बस स्टैण्ड़ से कपूड़ी शिविर स्थल की दूरी ढाई किलोमीटर है। कपूड़ी जाने के लिए यातायात साधन की सुविधा नहीं होने से कई शिक्षिकाएं पैदल वहां तक जाती है। वहां से बस स्टैण्ड आने में भी दिक्कत होती है।
कपूड़ी भवन में एक ही शौचालय होने के कारण शिक्षकों को मजबूरी में खुले में जाना पड़ता है। जबकि शिक्षिकाओं को भवन से कुछ दूरी पर बने मकानों में जाकर वहां के लोगो से गुजारिश कर सुविधा का उपयोग करना पड़ता है।
कपूड़ी भवन में तीन छोटे कमरे व एक हॉल है। बैठने में भी असुविधा होती है। लाइट चली जाए तो वहां जनरेटर सुविधा नहीं है। जिससे गर्मी में ही प्रशिक्षण प्राप्त करना शिविरार्थियों की मजबूरी का हिस्सा बन चुका है।
मैंने शिविर के तीसरे दिन शुक्रवार को कपूड़ी पहुंच व्यवस्था देखी। शौचालय सहित अन्य असुविधाओं को लेकर संबधित विभाग के उच्चाधिकारियों से बात कर उचित व्यवस्था के निर्देश देंगे। -भंवरलाल जनागल, उपखण्ड अधिकारी, रायपुर
शिविर चयन में जिम्मेदारों ने लापरवाही बरती है। अनुपयोगी भवन में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। वहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। शौचालय की कमी से शिक्षिकाओं को परेशानी हो रही है। शिविर स्थल दूर है। संयुक्त निदेशक को पत्र भेज लापरवाह अधिकारी व कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। -नवरतनमल छीपा, अध्यक्ष राशि संघ राष्ट्रीय उपशाखा रायपुर
शिविर में असुविधाओं को लेकर जांच करवाकर उचित कार्रवाई अमल में लाएंगे। -श्याम सुंदर सोलंकी, संयुक्त निदेशक पाली