scriptसांसी बस्ती की तस्वीर संवर सकती है तो साटिया बस्ती की क्यों नहीं ? | Why can not I get a picture of Sansi settlement why not satiya basti? | Patrika News
पाली

सांसी बस्ती की तस्वीर संवर सकती है तो साटिया बस्ती की क्यों नहीं ?

– वर्ष 2011 में हथकड़ी शराब के सेवन से हुई थी कइयों की मौत
 

पालीSep 16, 2017 / 02:02 pm

Om Prakash Tailor

A Badnam Basti
पाली .

नया गांव क्षेत्र में आबाद सांसी बस्ती कभी हथकढ़ी शराब बनाने के लिए बदनाम थी। बस्ती के महिला-पुरुष हथकढ़़ी शराब बनाकर बेचने में तो बच्चे कचरा बीनने में लगे रहते थे। लेकिन, वर्ष २०११ में हथकढ़ी शराब पीने से कइयों की मौत हो गई। घटना से पुलिस-प्रशासन अलर्ट हुआ और सांसी बस्ती में दबिश देकर हथकढ़़ी शराब की भट्टियां तोड़ी। साथ ही नवजीवन योजना के तहत इस बस्ती के महिला-पुरुषों को रोजगारोन्मुखी कोर्स करवाए गए। सरकारी योजना के तहत बैंकों से ऋण भी दिलवाया। वहीं नवजीवन योजना के तहत बस्ती के बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश दिलाया गया। आज इस बस्ती की तस्वीर बदल चुकी है। यहां अधिकतर परिवार मजदूरी का कार्य कर अपना पेट पाल रहे हैं, तो बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे है।
एक गांव एेसा जिसका नाम लेते ही रिश्तो में आने लगती है दरार…


यहां भी सकारात्मक पहल की जरूरत

सालों से हथकढ़ी शराब बनाने के धंधे से जुड़े सांसी बस्ती के लोग आज मजदूरी, टेक्सी चलाकर अपना घर चला रहा है। ऐसे में यदि मूलियावास की साटिया बस्ती में पुलिस व प्रशासन मिलकर सकारात्मक पहल करे तो यहां की तस्वीर भी बदल सकती है।
समझाइश का पड़ा सकारात्मक असर

प्रशासन की सख्ती के बाद बस्ती के अधिकतर लोगों ने हथकढ़़ी शराब बनाना छोड़ दिया। लेकिन कुछ लोगों ने बाद में फिर से शुरू कर दिया। इस पर उनसे समझाइश कर यह धंधा छुड़वाया। नवजीवन योजना के तहत रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिलवाने व बैंकों से ऋण दिलवाने में सहायता की। नवजीवन योजना के तहत बस्ती के बच्चे भी निजी स्कूलों में पढ़ रहे है। इससे बस्ती के माथे पर लगा कलंक मिट गया।
– चीकूराम, नया गांव सांसी बस्ती
बदनाम बस्ती के आधे से ज्यादा युवा कुंवारे

इधर, मूलियावास में लड़कियों को किया भूमिगत

मूलियावास गांव के निकट स्थित साटिया बस्ती में 40-50 युवतियां है। जो देह व्यापार जैसा गंदा काम कर रही है। राजस्थान पत्रिका द्वारा मामला उजागर करने के बाद उनके परिवार के लोगों ने उन्हें रिश्तदारों के यहां भेज दिया है। ऐसे में शुक्रवार को इस बस्ती के अधिकतर घर सूने रहे।

Home / Pali / सांसी बस्ती की तस्वीर संवर सकती है तो साटिया बस्ती की क्यों नहीं ?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो