पुलिस ने आरोपियों से एक बिना नंबर प्लेट वाली नई कार, 2 लाख रुपए से अधिक नकदी सहित कट्टा व कारतूस बरामद किए हैं। गिरोह के लोग बैंक व शादी समारोह में बच्चों एवं महिलाओ को भेजकर रुपए एवं गहनों से भरे बैग चोरी करवाने का काम करते थे।
एसपी विवेक सिंह ने मामले में बताया, बिजली कंपनी में पदस्थ कैशियर मुईनुद्दीन सिद्दीकी पिता जलालुद्दीन सिद्दीकी 24 दिसंबर को एसबीआइ की मुख्य ब्रांच में 6 लाख 95 हजार 825 रुपए से भरा बैग लेकर जमा करने गए थे। बैंक के अंदर रोकड़ शाखा में भीड़ अधिक होने के कारण वह बैंककर्मी हीरामन विश्वकर्मा के पीछे रखी टेबल पर बैग रखकर भीड़ कम होने का इंतजार करने लगे थे।
इसी दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने रुपए से भरा बैग चोरी कर लिया। चोरी की जानकारी उन्होंने शीघ्र बैंक मैनेजर और पुलिस को दी। एसपी ने मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीआइ कोतवाली अरविंद कुजूर को टीम गठित कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था।
गाड़ी नंबर से पता लगा अहम सुराग आरोपियों ने भागने के लिए जिस कार का उपयोग किया गया था। उसकी पहचान बैंक के सीसीटीवी फुटेज से हो गई थी। बैंक के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगालने पर एक बालक को रुपयों से भरे बैग को उठाते हुए देखा गया।
उक्त बालक को शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से खोजने पर पाया गया कि वह रुपयों से भरा बैग लेकर अपने तीन अन्य साथियों के साथ कार एमपी 04 सीटी 2549 में बैठकर कटनी-दमोह की तरफ गए हैं। कार के संबंध में टोल टैक्स नाकों से जानकारी उक्त कार रमेश पिता मांगीलाल रूहेला निवासी पिपलिया रसोदा थाना बोड़ा जिला राजगढ़ की मिली।
यह सामग्री बरामद पुलिस ने आरोपियों की तलाशी ली तो गौरव और सूरज के पास से 315 बोर का कट्टा और 2-2 कारतूस मिले। अन्य की तलाशी लेने पर 2 लाख 3 हजार नकद, 6 मोबाइल, एक आइ-20 कार जब्त की गई। आरोपियों ने प्रदेश एवं बाहर कई जगहों पर वारदात की बात कबूल की है।
उक्त कार्रवाई में टीआइ अरविंद कुजूर, उप पुलिस अधीक्षक उमेश प्रजापति, शाहिद खान, सुशील शुक्ला, नेहा चौहान, अंजली उदैनिया, सुरेन्द्र तिवारी, रामकृष्ण पाण्डेय, शिवेन्द्र सिंह, नीरज रैकवार, आशुतोष तिवारी, राहुल सिंह, आशीष अवस्थी, धर्मेन्द्र सिंह, तेजेन्द्र, वीरेन्द्र, रामपाल, सर्वेन्द्र अहिरवार, वृषकेतु रावत, नीलेश, दीपप्रकाश, ब्रह्मदत्त, राजीव आदि का विशेष योगदान रहा।
ये आरोपी आए गिरफ्त में 8 फरवरी को मुखबिर ने थाना प्रभारी कोतवाली को जानकारी दी कि सीसीटीवी फुटेज के हुलिया के संदिग्ध आरोपी बांदा से पन्ना की तरफ नई कार आई-20 (बिना नंबर की सफेद रंग) से आ रहे हैं। थाना प्रभारी ने उक्त सूचना एसपी को दी। एडिशनल एसपी बीके सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली अरविंद कूजूर के नेतृत्व में एक टीम गठित कर तत्काल वाहन को पकडऩे के लिए रवाना किया गया।
टीम जैसे ही दहलान चौकी तिराहा के पास पहुंची तभी एक सफेद रंग की बिना नंबर की कार बांदा की तरफ से आती हुई दिखाई दी।कार में 5 व्यक्ति सवार थे, जिनमें से एक बालक था। आरोपियों ने अपने नाम गौरव पिता गोविंद सिसौदिया, सूरज पिता जमुना सिसौदिया दोनों निवासी ग्राम कडिय़ा थाना बोड़ा जिला राजगढ़, सुमित सिंह पिता रमेशचंद्र कौडान निवासी श्मशाबाद जिला आगरा उप्र., रमेश पिता मांगीलाल रूहेला निवासी पिपलिया रसोदा थाना बोडा जिला राजगढ़ होना बताया।
कई जिलों में वारदात को दिया अंजाम एसपी ने बताया, घटना में प्रयुक्त कार एवं सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज को आसपास के जिलों के थानों में भेजकर पता करवाया गया तो आरोपियों द्वारा कई जिलों में इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिए जाने की जानकारी प्राप्त हुई।
आरोपियों ने पूर्व में सागर, छतरपुर, सीधी, सतना, दमोह, जबलपुर एवं कई राज्यों के अन्य जिलों में भी इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया है। आरोपियों से अन्य स्थानों पर की गई वारदातों के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
गांव के लेाग ऐसे ही कारोबार में एसपी ने बताया, राजगढ़ जिले का कडिया सांसी गांव में सासी जनजाति के अधिकांश लोग रहते हैं। कार्रवाई के दौरान पाया गया कि उक्त गांव के अधिकांश लोग इसी तरह की अनैतिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव के अंदर घुसने में पुलिस को भी खासी परेशानी होती है। जिले की पुलिस को भी आरोपियों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।