मामले में थाना सिमरिया में अपराध दर्ज करते हुए आरोप पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को 5-5 वर्ष के कारावास एवं 1000-1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
नाबालिग से दुष्कर्म पर 10 वर्ष का कारावास नाबालिग से बलात्कार के अभियुक्त को अपर सत्र न्यायाधीश पवई आरके रावतकर ने १० साल की कैद और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। अतिरिक्त लोक अभियोजक आरके पाठक ने बताया, नाबालिग के गुम हो जाने पर परिजनों ने पवई थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना में पाया गया कि आरोपी ने नाबालिग से दुष्कर्म किया है।
आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी मोनू बर्मन पर धारा 376 (2) (एन), (आई) आइपीसी एवं 5(ठ) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामला चलाया गया।
मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश आरके रावतकर ने दोष सिद्ध पाते हुए मोनू 7 साल की सजा एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।