गौरतलब है कि जिले का करीब ५० किमी. से अधिक का क्षेत्र हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में आता है। हीरा धारित पट्टी क्षेत्र का करीब २ हजार हेक्टेयर क्षेत्र वन भूमि में चले जाने के बाद से वन क्षेत्र में अवैध खदानें चलती रहती हैं। यही अवैध खदानें वन विभाग के मैदानी अमले की अतिरिक्त आय का बड़ा स्रोत भी हैं। जिन्हें बंद कराने के लिए विभाग द्वारा कभी गंभीरता पूर्वक प्रयास ही नहीं किए गए हैं।
राजस्व क्षेत्र में भी सैकड़ों अवैध खदानें
वन विभाग के साथ ही राजस्व क्षेत्र में भी सैकड़ों की संख्या में अवैध हीरा खदानें संचालित रहती हैं। औपचारिकता पूरी करने के लिए समय-समय पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है। इस ओर भी समय-सयम पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कभी मजबूती के साथ पहल नहीं की गई है।
पहले दिन रमखिरिया के 79 खदानों की जांच
पन्ना तहसील क्षेत्र में संचालित हीरा खदानों का सीमांकन और सत्यापन कराने के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। प्रथम दल का प्रभारी डॉ. अवंतिका तिवारी नायब तहसीलदार को बनाया गया है। द्वितीय दल की प्रभारी ममता मिश्रा नायब तहसीलदार और तीसरे दल का प्रभारी जेपी. रावत प्रभारी बनाए गए हैं। प्रत्येक दल में पटवारी, राजस्व निरीक्षक, हीरा कार्यालय के कर्मचारियों को रखा गया है। गठित किए गए दलों द्वारा हीरा खदानों के सत्यापन एवं सीमांकन का कार्य प्रारंभ किया गया है। पहले दिन बृजपुर वृत्त के पटवारी हल्का रमखिरिया में आवंटित 79 खदानों के सत्यापन एवं सीमांकन की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। इस कार्यवाही में नजूल तहसीलदार डॉ. अवंतिका तिवारी, ममता मिश्रा के साथ दल के राजस्व निरीक्षक, पटवारी, हीरा विभाग के कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
सीमांकन और सत्यापन कराया जा रहा है। खदानें रिन्यू करने के पहले भी चेक किया जा रहा है कि संबंधित क्षेत्र में कितनी खदान खुद गई है और कितनी खुदना शेष है। यह भी चेक किया जा रहा है कि कौन सी खदानें निजी क्षेत्र में हैं और कौन की सरकारी राजस्व क्षेत्र में हैं।
आरके पांडेय, हीरा अधिकारी पन्ना