खेल के लिए सुर्खियों में रहा जनवार पन्ना जिले का आदिवासी बहुल गांव जनवार देशभर में स्केट बोर्ड विलेज के रूप में पहचाना जाता है। इस छोटे से गांव में आधा सैकड़ा से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बच्चे रहते हैं। गांव के इन छोटे-छोटे खिलाडिय़ों ने गांव और परिवार को जुआं और शराब जैसी सामाजिक बुराई से निजात दिलाने की ठानी है। इसका नेतृत्व स्केटबोर्ड के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अरुण ने किया। पूरे गांव में जगह-जगह बच्चों ने वॉल पेंटिंग की है। जितनी बार उनके दीवार लेखन को मिटाया गया, उन्होंने उतनी ही बार फिर से दीवार में लिख दिया।
अरुण ने बताया उसने अभियान की शुरुआत के लिए पहले गांव के सभी छोटे-बड़े बच्चों को एकत्रित किया। उन्हें समझाया। इसके बाद गांव के लोग जहां बैठकर जुआं खेलते थे वहां और गांव में अन्य जगहों पर दीवार लेखन कर जुआं खेलना प्रतिबंधित लिखा गया। इसके साथ ही गांव के लोगों को भी समझाया गया। घर-घर जाकर अभिभावकों को जुआं खेलना छोडऩे संबंधी मैसेज लिखकर दिया गया। अभिभावकों को दिए गए मैसेज में लिखा गया ‘मैं आपसे सीखता हूं। यदि आप आज खेलते हैं तो मै कल खेलूंगा। मंै जब बड़ा हो जाऊ तो मुझे कमाने के लिए मत कहना, क्योंकि मै तब ताश खेलने में व्यस्त हो जाऊंगा। गांव के नन्हें बच्चों का सह संदेश किसी के भी दिलो दिमाग को झकझोरने के लिए काफी होगा।
स्केट बार्ड के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अरुण कुमार आदिवासी ने बताया वह दिल्ली में गांव के चार अन्य बच्चों के साथ रहता है। वहां गांव के बच्चे प्रकृति स्कूल में रह रहे हैं। वह एक सप्ताह के लिए दिल्ली से गांव जनवार आया था। वह यह देखकर परेशान था कि बड़ी संख्या में गांव के युवा कामकाज करने के बजाए दिन का अधिकांश समय जुआं खेलने में बिता रहे हैं। वह दो दिनों तक यही देख-देखकर परेशान रहा। इसके बाद उसने मामले की जानकारी स्केट पार्क बनाने वाली जर्मन महिला उलरिके रेलहार्ट को दी। उनके सुझाव के बाद बच्चों ने उसी प्रकार से काम शुरू कर दिया।
जनवार देशभर में खेलों से समाजिक जागरूकता लाने वाले मॉडल गांव के रूप में पहचान बताना जा रहा है। यहां के बच्चे शुरुआत में खेल से जुड़े। इसके बाद जब प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने और अन्य प्रशिक्षण के लिए विदेशों तक पहुंचे। वहां सीखा और समझा तो समझ बढ़ी और अब वे गावं में शराबखोरी, जुआं जैसी समाजिक बुराईयों से लडऩे और परिवार के लोगों का उनसे पीछा छुड़वाने के लिए प्रसार करने लगे हैं।