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जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा महोत्सव: बीमार पड़े भगवान को औषधियुक्त जल से कराया स्नान

स्नान घट लूटने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, स्नान यात्रा के साथ शुरू हुआ जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा महोत्सव

पन्नाJun 15, 2022 / 07:15 pm

Hitendra Sharma

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पन्ना. पवित्र नगरी पन्ना के भगवान जगन्नाथ स्वमी मंदिर में सुबह स्नान यात्रा के साथ ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा महोत्सव का समारोह के साथ शुभारंभ हो गया। सुबह करीब साढ़े 10 बजे गाजे-बाजे के साथ भगवान जगन्नाथ स्वामी, भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के विग्रह एक-एक करके मंदिर के गर्भगृह से स्नान के लिए मढ़िया में लाए गए। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंड़ितों और हजार छिद्रों वाले घड़े में औषधियुक्त जल से भगवान का स्नान कराया और आरती उतारी। इसी दौरान लू लगने से भगवान बीमार पड़ गए। मढ़िया से भगवान के विग्रह पुन: गर्भगृह में स्थापित किए जाने के साथ ही 15 दिनों के लिए मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए हैं। बीमारी के दिनों में भगवान श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं देंगे।

स्नान यात्रा का क्रम सुबह करीब 10 बजे गाजे-बाजे के साथ शुरू हुआ। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान की स्नान यात्रा के दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर में पहुंच चुके थे। बैंड के साथ घंटा-घड़ियाल और शंख की ध्वनि के बीच एक-एक करके भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के विग्रह को मंदिर के गभगृह से बाहर लाकर मढ़िया में रखे गए। जहां भगवान का औषधि युक्त जल से स्नान कराया गया। मान्यता के अनुसार स्नान यात्रा के दौरान भगवान को लू लगने से वह 15 दिनों के लिए बीमार पड़ गए हैं। इसके साथ ही मंदिर के पट भी 15 दिनों के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं।

 

घट लूटने की होड़
भगवान को जिस औषधीय जल से स्नान करया जाता है उस जल को मिट्टी के घट में डालकर श्रद्धालुओं के बीच लुटाए जाने की परंपरा है। इन घट को पाने वाले श्रद्धालु स्वयं को बड़ा ही भाग्यशाली मानते हैं और उन्हें घरों के पूजा स्थलों में रखा जाता है। इन घट को लूटने के लिए स्नान के समय तक सैकड़ों लोग मंदिर में पहुंच चुके थे। रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर में आयोजित होने वाला साल का सबसे बड़ा आयोजन है।

एक जुलाई को जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी रथयात्रा
एक जुलाई को भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र रथों में सवार होकर जनकपुर के लिए रवाना होंगे। पहले दिन लखूरन बाग में और दूसरे दिन चौपड़ा में रुकने के बाद तीन जुलाई को यात्रा जनकपुर पहुंचेगी। यहां भगवान का टीका किया जाएगा। भगवान के टीका के साथ ही जनकपुर में लगने वाले परांपरिक साप्ताहिक मेला भी शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर यहां वृहद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन करीब एक माह तक चलेगा।

महोत्सव का शेड्यूल
-पथ प्रसाद वितरण- 29 जून को शाम 7.30 बजे
-धूप कपूर की आरती- 30 जून को शाम 8 बजे
-रथयात्रा की रवानगी- 1 जुलाई शाम 6.30 बजे
-लखूरन बाग से चौपड़ा की यात्रा- 2 जुलाई शाम 5 बजे से
-चौपरा से जनपकपुर के लिए रवानगी 3 जुलाई, शाम 6 बजे
-जनकपुर में भगवान का टीका- 3 जुलाई को ही शाम 7.30 बजे
-मंदिर प्रवेश-4 जुलाई सुबह 9 बजे
-कथा, पूजन व भंडारा- 5 जुलाई
-लक्ष्मीजी सवारी की रवानगी- 6 जुलाई शाम 5 बजे पन्ना से प्रस्थान
-रथयात्रा की जनकपुर से वापसी- 7 जुलाई शाम 6 बजे
-रथयात्रा चौपरा से लखूरनबाग वापसी- 8 जुलाई शाम 6 बजे
-रथयात्रा की जदीश स्वामी मंदिर वापसी व संवाद- 6.30 बजे
-सात मूर्तियों के दर्शन व महोत्सव का समापन- 10 जुलाई रात 8 बजे
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