गौरतलब है कि छत्रसाल कॉलेज जिले का अग्रणी कॉलेज है। इसके अंतर्गत जिले के करीब एक दर्जन सरकारी और निजी कॉलेज आते हैं। इस कॉलेज में करीब डेढ़ हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। कॉलेज के प्रवेश द्वार के पास से पूर्व में कईबार अतिक्रमण हटाया जा चुका है इसके बाद भी यहां हर बार दुकानदार कचरा कर देते हैं। वर्तमान में कॉलेज के मुख्य द्वार की हालत खराब बनी हुई है। कॉलेज के प्रवेश द्वार के दोनों ओर वाहनों को खड़े करने और रिपेयर करने का काम किया जा रहा है। कॉलेज के अंदर भी लोगों ने अपने निजी वाहनों को पार्क कर रखा है।
कॉलेज के महिला प्रसाधन कक्ष के थोड़ी आगे बड़ी संख्या में शराब के क्वार्टर, पानी पाउच और डिस्पेजबल ग्लसें पड़ी हुईहैं। इनकी हालत देखकर ऐसा लगता है कि ये ज्यादा पुरानी भी नहीं हैं। इससे अंदाजा लताया जाता है कि यहां शराबियों का जमावड़ा लगता है। इसके अलावा बुधवार की सुबह कला भवन के आगे के हिस्से में बने चबूतरों के नीचे में शराब के क्वार्टर, पानी पाउच और डिस्पोजबल ग्लास पड़े मिले हैं। इससे शाम और रात के समय कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे रहती है।
कला भवन के पीछे राजनीति विज्ञान और एनसीसी कार्यालय भवन बना हुआ है। इस भवन के दोनों ओर बड़ी-बड़ी कटीली झाडिय़ां उग आईहैं जो अब अपरिपक्व पेड़ जैसी हो गईहैं। इन झाडिय़ों के बीच ही दर्जनों की संख्या में गाय-भैंस सहित अन्य मवेशी घुसे रहते हैं। आसपास के लोग भवन के पीछे के हिस्से में गंदगी तक कर रहे हैं।कालेज क ेआगे के हिस्से में कुएं के पास नाली को जाम कर दिया गया है। इसे कुएं का पानी भी दूषित हो रहा है। जबकि कॉलेज द्वारा इसी पानी का उपयोग तक किया जाता है। सुबह करीब ९ बजे कॉलेज के पुस्तकालय कक्ष के आसपास करीब आधा दर्जन घोड़े घूम रहे थे।
कॉलेज खुलने का समय सुबह 8.30 बजे से है। यहां नियमानुसार 8.30 बजे से ही कॉलेज की वाणिज्य संकाय की कक्षाए भी शुरू हो जाती हैं। मंगलवार को सुबह 9 बजे भी वाणिज्य विभाग के कमरे में ताला लटका हुआ है। कॉलेज में सिर्फदो छात्राएं ही उस समय मौजूद थीं, जबकि कक्षा के कमरों में झाडू लगाई जा रही थी। हलांकि बताया गया कि विज्ञान भवन में परीक्षा होने के कारण स्टॉप यहां मौजूद नहीं है, लेकिन नियमानुसार परीक्षाओं के लिए नियमित कक्षाओं को ब्रेक करने का नियम नहीं है। इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन ने अपने हिसाब और सुविधा के अनुसार नियम गढ़ लिए हैं।