बढ़ जाती है बच्चों की समस्या
राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित ख़बर के अनुसार दुनिया के हर तीन में से एक बच्चा गलत पोषण का शिकार है। जी हां दुनिया के एक तिहाई बच्चे गलत पोषण ले रहे हैं। इससे वे या तो मोटे हो जाते है या पतले व लंबाई नहीं बढ़ने जैसी समस्या भी उन्हें झेलनी पड़ती है। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट (UNICEF Report) के अनुसार ऐसा विशेषकर दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी देशों में है।
70 करोड़ बच्चे हैं कुपोषित
दुनिया में बच्चों की कुल आबादी में एक तिहाई बच्चे यानी करीब 70 करोड़ कुपोषित हैं। 1999 के बाद 20 साल में यह पहली बार है जब यूनिसेफ की इस रिपोर्ट में बच्चों के पोषण पर ध्यान दिया गया है। रिपोर्ट की माने तो गरीब और मध्यम आय वाले देशों के बच्चे भी अब उन बीमारियों से त्रस्त हैं जो पहले कभी सिर्फ बेहद अमीर या बेहद गरीब देशों में पाई जाती थीं। यूनिसेफ के मुताबिक इन बच्चों में से आधे बच्चे छिपी हुई भूखमरी से परेशान हैं। इसका मतलब उन्हें जरूरी विटामिन और अन्य पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं। 2018 में 5 साल से कम के 14.9 करोड़ बच्चे अविकसित और 5 करोड़ कमजोर थे। इनमें से ज्यादातर आपातकाल का सामना कर रहे देशों की तुलना में एशिया में थे।
भारत को मिली मामूली बढ़त…
2019 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) में भारत को 0.8 की मामूली बढ़त मिली है। भारत को इस बार 117 देशों की सूची में 102वां स्थान मिला है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समय पहली बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स में रैंकिंग में बढ़ोतरी हुई है। 2014 में भारत 55वें स्थान पर था, 2015 में 80वें पर चला गया, 2016 में 97वें पर खिसका,2017 में 100वें और 2018 में 103वें पायदान पर खिसक गया। हंगर इंडेक्स में खानपान की स्थिति का ब्योरा होता है। जैसे लोगों को किस मात्रा में और कैसा खाद्द पदार्थ मिल रहा है, उसकी गुणवत्ता और कमियां क्या हैं?