‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट
रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि ऐसी हालत में बच्चों के आजीवन बीमारियों से ग्रस्त रहने का खतरा मंडरा रहा है। यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोरे ने ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने कहा कि लोग अच्छे और स्वस्थ खाने पीन की जंग हार रहे हैं।
साल 1999 में आई थी एक रिपोर्ट
आपको बता दें कि इस संबंध में इससे पहले साल 1999 में एक रिपोर्ट जारी की गई थी। अब इतने लंबे अंतराल के बाद जारी किए गए इस रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में इस उम्र वाले बच्चों में से करीब आधे बच्चों को जरूरी विटामिन और मिनरल भी नहीं मिल रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि बीते तीन दशकों में बच्चों में कुपोषण का एक दूसरा रूप भी सामने आया है। ये है मोटापा, जो तेजी से बच्चों में बढ़ रहा है।
14 करोड़ 90 लाख बच्चों का कद अभी तक कम
वहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया कि साल 1990 से 2015 के बीच गरीब देशों में बच्चों के बौने होने की आवृति में करीब 40 फीसदी कमी आई है। हालांकि, चार साल और उससे कम उम्र के 14 करोड़ 90 लाख बच्चों का कद अभी तक अपनी उम्र के हिसाब से छोटा पाया गया है।
80 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार
रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली है कि दुनियाभर में 80 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार हैं। वहीं, दो अरब लोग पौष्टिक भोजन नहीं खा पा रहे, जिसके चलते ये मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियां की चपेट में आ ररहे हैं।