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पीलीभीत

नेपाल पुलिस की गोली से पीलीभीत नागरिक की मौत, इंडो-नेपाल सीमा पर तनाव, तैनात होगी स्पेशल फोर्स

गुरुवार शाम को नेपाल घूमने गए तीन साथियों की वहां की पुलिस से झड़प हो गई, जिसके बाद चली गोली से एक युवक की मौत हो गई, अन्य दो लापता है, हालांकि पुलिस का दावा है कि इनमें से एक भारत सीमा में आ चुका है, तो दूसरा नेपाल में ही है। दोनों की तलाश अभी जारी है।

पीलीभीतMar 05, 2021 / 04:27 pm

Abhishek Gupta

India Nepal border

India Nepal border

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

पीलीभीत. पीलीभीत स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर (India Nepal border) पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। गुरुवार शाम को नेपाल घूमने गए तीन साथियों की वहां की पुलिस से झड़प हो गई, जिसके बाद चली गोली से एक युवक की मौत हो गई, अन्य दो लापता है, हालांकि पुलिस का दावा है कि इनमें से एक भारत सीमा में आ चुका है, तो दूसरा नेपाल में ही है। दोनों की तलाश अभी जारी है। पुलिस व जिला प्रशासन नेपाल पुलिस से वार्ता कर मृतक के शव को लाने की कोशिश भी कर रहा है। आखिर किस बात पर तीनों भारतीयों की नेपाल पुलिस से झड़प हुई यह पता नहीं चल पाया है। सीमा पर हालात न बिगड़े, इसलिए अहतियातन कई थानों की पुलिस व एसएसबी फोर्स तैनात कर दी गई है।
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क्या है मामला-
मामला गुरुवार शाम का है। यहां इंडो-नेपाल बार्डर पर पिलर संख्या 38 व 39 के बीच गोली लगने से राघवपुरी टिल्ला नंबर 4 निवासी गोविंदा सिंह (26) की मौके पर मौत हो गई। उसके सात मौजूद अन्य दो साथी गुरमेज सिंह पुत्र कश्मीर सिंह, पप्पू सिंह पुत्र मलकीत सिंह किसी तरह से जान बचाकर वहां से भाग निकले। इनमें से एक ने घटना की जानकारी दी। बताया कि घटना नेपाल में हुई है और मृतक गोविंदा के शव को नेपाल पुलिस ने कंचनपुर जिले के बेलोरी स्वास्थ्य केंद्र पर रखवाया है। यह तीनों नेपाल घूमने गए थे। इस घटना के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर तनाव पैदा हो गया है, जिसके चलते बॉर्डर पर एसएसबी अलर्ट कर दी गई व चार थानों की पुलिस को भी लगा दिया गया। पीलीभीत जिलाधिकारी व एसपी आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और नेपाली अधिकारियों संग बातचीत की। गोविंद की डेड बॉडी को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
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पहली बार नहीं हुआ इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बवाल-
यह पहली बार नहीं है जब इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बवाल हुआ है। तीन मार्च को भी एसएसबी की महिला जवान ने गोरखपुर के सोनौली कस्बे की गली नंबर-2 से होकर गुजर रही एक नेपाली मूल की महिला को रोक दिया था। इस पर कई और नेपाली महिला इकट्ठा हो गईं और उन्होंने एसएसबी महिला जवान को चारों ओर से घेरकर खूब मारपीट की। एसएसबी जवान इससे पहले कुछ समझ पाते नेपाली महिलाओं की भीड़ नेपाल सीमा की ओर भाग गई। इससे पहले बीते वर्ष अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर में कई घटनाएं हो चुकी हैं। तब भी नेपाली नागरिकों ने एसएसबी के जवानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। अगस्त माह में महाराजगंज में नेपाली तस्करों का पीछा कर रहे एसएसबी जवानों को इंडो-नेपाल बॉर्डर पर “नोमेंस लैंड” पर पीटा गया। इसमें एक जवान का सिर भी फट गया था। बाद में उसकी बड़ी मुश्किल से जान बचाई गई। यह भी पाया गया है कि कई नेपाली नागरिक बिना रोकटोक के भारत सीमा में आकर आवागमन करना चाहते हैं। इनकी आईडी पूछने पर वे उग्र हो जाते हैं।
एटीएस टीमें होंगी बॉर्डर पर तैनात-
इंडो-नेपाल बार्डर पर आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए जल्द ही वहां एटीएस की यूनिट स्थापित की जाएगी, जो सघन निगरानी करेंगी। इसकी एक वजह यह भी है कि इंडो-नेपाल बार्डर हमेशा से ही स्थानीय अपराधियों के साथ देश विरोधी तत्वों की पनाहगाह व घुसपैठ का जरिया रहा है। एटीएस को इससे जुड़ी जनकारियां मिलती रही है। एटीएस टीम की तैनाती के लिए फिलहाल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। साथ ही तैनाती के लिए लोगों की संख्या पर भी मंथन किया जा रहा है। अयोध्या व मथुरा में एसटीएफ की यूनिट भी जल्द ही स्थापित करने की तैयारी है।
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