प्रेसवार्ता में कहा
पीलीभीत लोकसभा सीट की प्रभारी बनाई गई अनीता त्रिपाठी ने प्रेसवार्ता में बताया कि शिवसेना लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में नहीं लडेंगी। वे शिवसेना में ही रहना पंसद करेंगी, जिस दिन शिवसेना छोडी उसी दिन राजनीति से सन्यास ले लूंंगी। पत्रकारों से मुख़ातिब होते हुए अनीता त्रिपाठी ने बिना सांसद (मेनका संजय गांधी) का नाम लिए कहा कि उन्होने पीलीभीत के अच्छे और बुरे दोनों ही दिन देखे है। यहां जिस प्रकार से विकास होना चाहिए था उसके पहिए थम गए है।
नहीं है मज़बूत संगठन
जब उनसे पूछा गया कि पीलीभीत में शिवसेना का न तो संगठन है और वहीं उनके सामने केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी जैसी कद्दावर नेता है। ऐसे में वे किस प्रकार चुनौतियों का सामना करेंगी। इस पर उनका कहना था कि यह सच है कि यहां संगठन कमजोर है, लेकिन आने वो दिनों में उसे और मजबूत किया जाएगा। पुराने शिवसैनिक वापस आना चाह रहे है, उनको वापस लाया जाएगा। जहां तक मुकाबले का सवाल है उनके सामने कौन है और कौन नहीं। इस बात को लेकर मैं चिंतित नहीं हुई। उनसे सवाल किया गया कि वे किन मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में आ रही है, तो उनका कहना था कि कुछ स्थानीय मुद्दे है, जबकि कुछ राष्ट्रीय मुद्दें जिनका खुलासा बाद में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे यहां के गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए कार्य करेंगी। इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की है, जिसका खुलासा वे आने वाले दिनों में करेंगी। वे बालिका शिक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर आयेंगी। वार्ता के दौरान उनके पीयूष शुक्ला एडवोकेट, स्वर्ण एकता मंच के हरिओम वाजपेयी, पूर्व शिवसेना जिलाध्यक्ष पंकज शर्मा भी मौजूद रहे।