इस तरह की अटकलें हैं कि पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस को अपने दम पर नौ सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें जीत सकती है।
CAA: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई आज, शाहीन बाग पर आ सकता है फैसला कांग्रेस उन राज्यों से सीटें हासिल कर सकती है जहां वह सत्ता में है। ऐसे राज्यों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल है। जानकारी के मुतािबक अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ एनडीए धीरे-धीरे ऊपरी सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है।
राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी। मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी के हरिप्रसाद और एम वी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है।
जेपी नड्डा 22 फरवरी को करेंगे बिहार का दौरा, 11 जिलों में करेंगे पार्टी कार्यालयों का उद्घाटन इस बात की उम्मीद कम है कि कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से पार्टी नामित करे। ऐसा इसलिए कि इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है और उसी को लाभ मिलने की उम्मीद है। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं। राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं।
इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच-पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी।
केजरीवाल ने क्यों कहा- ‘मैं सभी पार्टियों का मुख्यमंत्री हूं’ बता दें कि सत्तारूढ़ एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए अन्नाद्रमुक और बीजेडी जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है। राज्यसभा में बीजेपी के सबसे अधिक 82 सदस्य हैं और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। उच्च सदन की कुल क्षमता 245 है। राज्यसभा में 12 नामित सदस्य हैं, जिनमें से आठ बीजेपी से जुड़े हैं।