मांग ना पूरी होने पर नायडू ने छोड़ा था एनडीए का साथ
आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने कुछ महीने पहले ही एनडीए का साथ छोड़ा है। वो लगातार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे, जिसे केंद्र सरकार ने मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की खातिर ‘महत्वपूर्ण’ भूमिका निभाने की पेशकश भी की है। एनडीए का साथ छोड़ने के बाद चंद्रबाबू नायडू अक्सर पीएम मोदी पर निशाना साधते रहते हैं।
2019 में भाजपा के खिलाफ उभरेगा एक विकल्प- नायडू
इस बार उन्होंने कहा है, ‘एक विकल्प (मोर्चा) स्वाभाविक रूप से उभरेगा, लोग मोदी सरकार से नाराज हैं और वो एक विकल्प चुनेंगे।’ नायडू के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी मोर्चे द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन नहीं किए जाने से उनकी संभावनाएं प्रभावित नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव के पहले विपक्षी मोर्चे की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय नहीं होता है तो मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिखती।’
महागठबंधन को लेकर राजनीतिक दलों से बात कर रहे हैं नायडू
महागठबंधन को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि विभिन्न पार्टियों के साथ बातचीत अब भी चल रही है। नायडू ने कहा,‘हाल ही में मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री (जेडीएस) से मुलाकात की। हम अन्य पार्टियों के साथ भी चर्चा कर रहे हैं।’ उन्होंने हालांकि कोई ब्यौरा नहीं दिया। नायडू ने कहा कि महागठबंधन कोई रातोंरात नहीं बन जाते हैं। अतीत में भी चुनाव-पूर्व और चुनाव के बाद गठबंधन ‘एक अलग स्थिति और अलग-अलग समय में’ बने। उन्होंने कहा कि कुछ पिछली स्थितियों में कोई भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की भविष्यवाणी नहीं कर सकता था।