दरअसल, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की हाई लेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में कहा कि यदि इस बार महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो राज्य में पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। बैठक में अशोक चव्हाण, बालासाहब थोराट, माणिकराव ठाकरे और रजनी पाटिल ने जोर दिया कि बीजेपी के हाथ से निकलते इस मौके को हर हाल में पकड़ना चाहिए और महाराष्ट्र में सरकार का निर्माण करना चाहिए।
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया को बताए गए कारणों में सबसे अहम था कि कांग्रेस के जीते हुए विधायक काफी बेचैन हो रहे हैं। उन सभी का कहना है कि वे अपने बल पर जीत कर यहां तक आए हैं, किसी ने उन्हें कोई मदद नहीं की है। वो जल्द से जल्द सरकार का निर्माण चाहते हैं। वहीं, बैठक के दौरान एआईसीसी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मुकुल वासनिक और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल उन नेताओं में से थे, जिन्हें शिवसेना से हाथ मिलाना मंजूर नहीं था। हालांकि, आखिरी फैसला कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ही लेंगी। इधर, कांग्रेस के कुछ विधायकों का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से दूर करना जरूरी है। लिहाजा, सरकार गठन के लिए जल्द से जल्द प्लान बनाए जाएं।