आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि आरजेडी को हिसाब-किताब देने के लिए अब तक आठ बार यानी रिमाइंड भेजा जा चुका है। ये तारीख क्रमश:10 नवम्बर 2015, 20 जनवरी 2016, 26 फरवरी 2016, 25 मई 2016, पांच अक्टूबर 2016, दो जून 201, 12 जनवरी 2018 और 13 मार्च 2018 है। इसके बावजूद पार्टी ने रिपोर्ट नहीं पेश की ,इसलिए उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि चुनाव चिह्न आदेश 1968 के परा 16 ए के तहत क्यों न कार्रवाई की जाए। आयोग ने कहा है कि नोटिस मिलने के 20 दिनों के भीतर पार्टी अपनी लेखा रिपोर्ट पेश करे अन्यथा आयोग अब बिना कोई सूचना दिए पार्टी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रत्येक पार्टी को हर वित्तीय वर्ष के अगले साल 31 अक्टूबर तक वार्षिक लेखा परीक्षा की रिपोर्ट पेश करनी होती है लेकिन आरजेडी ने 31 अक्टूबर 2015 तक वर्ष 2014-15 के लिए अपनी रिपोर्ट नहीं पेश की।
पिछले दिनों आई लोकतांत्रिक सुधार संघ (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-16 से 2016-17 के बीच भाजपा की आय में 81.18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इसी अवधि में कांग्रेस की आमदनी में 14 फीसदी की कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इन एक साल में भाजपा की कुल आय 1,034.27 करोड़ रुपए रही, जबकि कांग्रेस की 225.36 करोड़ रुपए रही है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, सात राष्ट्रीय दलों भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और तृणमूल कांग्रेस की कुल घोषित आय 1,559.17 करोड़ रुपये रही, जबकि इन पार्टियों ने 1,228.26 करोड़ रुपये खर्च किए। गौरतलब है कि चुनाव आयोग में दाखिल विवरणों पर आधारित इस रिपोर्ट से भाजपा और कांग्रेस की कुल आय, उनके व्यय और आय के स्रोत की तुलना की गई है।