नागरिक अवॉर्ड्स 2020 में मोदी सरकार ने पहले की तरह उन सभी लोगों को पहचानने का काम जारी रखा है जिन्होंने देश के विकास में किसी न किसी क्षेत्र में निस्वार्थ भाव ने विशिष्ट योगदान दिया है। ऐसे पात्र लोगों का चयन इस बात की परवाह किए बगैर किया गया कि योग्य व्यक्ति किस विचारधारा, पार्टी व समूह से संबद्ध है। उनका राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक जुड़ाव किससे है। इस मामले में जनसेवा के लिए एससी जमीर को इस साल पद्म भूषण मिलना इसका सबसे बेहतर उदाहरण माना जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनावः हाॅट सीटों पर रोचक मुकाबला, आ सकते हैं चौंकाने वाले परिणाम उन्हें यह अवॉर्ड भाजपा नीत सरकार ने जनसेवा के लिए दिया है। जबकि एससी जमीर बीजेपी और मोदी सरकार की नीतियों के स्पष्ट और मुखर आलोचक हैं। ऐसा करके मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि जिस तरह से देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी को उनकी राजनीतिक संबद्धता और वैचारिक प्रतिबद्धता से परे जाकर देश के सर्वोच्च नागिरक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। संभवतः वर्तमान सरकार की इस सोच का ही परिणाम है कि एससी जमीर को जनसेवा के लिए सरकार ने सम्मानित करने का निर्ण्य लिया। इसे मोदी सरकार का स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है।
कांग्रेस ने पीएम को भेजी संविधान की काॅपी, कहा-आप किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सीमित नहीं कर सकते एससी जमीर उत्तर पूर्व के एक दिग्गज कांग्रेसी व आदिवासी नेता हैं। वे नागालैंड के 5 बार सीएम और 4 बार कांग्रेस सरकार में राज्यपाल रह चुके हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान वे ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के राज्यपाल नियुक्त हुए। जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया गया था। खास बात यह है कि देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी उन्हें संसदीय सचिव नियुक्त किया था। एससी जमीर का जन्म 17 अक्टूबर, 1931 को नागालैंड में हुआ।
बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की श्रेणियों में 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है। पद्म विभूषण सम्मान पाने वालों में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो पद्म भूषण श्रेणी में जनसेवा के लिए एससी जमीर को यह पुरस्कार दिया गया है।