ये हैं पश्चिम बंगाल से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चार नेता 1. शांतनु ठाकुर – मतुआ फैक्टर शांतनु ठाकुर 2019 से बोंगांव सीट से एक प्रभावशाली मतुआ ‘धर्म गुरु’ और भाजपा लोकसभा सांसद हैं। शांतनु ने बंगाल में मतुआ बहुल इलाकों में एक मजबूत मंच बनाने में भाजपा की काफी मदद की। यह उनकी कड़ी मेहनत थी जिसकी वजह से भाजपा 2019 लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में मतुआ बहुल अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करने में सफल हुई। अपने क्षेत्र में शांतुन ने कांग्रेस, सीपीआई (एम) और टीएमसी जैसे राजनीतिक दलों को उन्होंने धूल चटाने का काम किया। उत्तर 24-परगना के बोंगांव और राणाघाट लोकसभा क्षेत्रों के 14 में से 11 मतुआ बहुल सीटों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। शांतनु ने अपने भाई सुब्रत ठाकुर सहित अन्य प्रभावशाली मतुआ नेताओं के साथ कल्याणी (एससी), हरिंगहाटा (एससी), बगदा (एससी) सहित छह सीटों को सुरक्षित करने में भाजपा की मदद की।
2. निशीथ प्रमाणिक – राजबंशी फैक्टर 35 वर्षीय निशीथ प्रमाणिक उत्तर बंगाल में एक प्रभावशाली राजबंशी नेता हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से भाजपा में वो तेजी से उभरकर सामने आए हैं। उत्तर बंगाल में बीजेपी के विस्तार के पीछे निशीथ प्रमाणिक का काफी योगदान माना जाता है। 28 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हुए। उन्हें कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र के लिए मैदान में उतारा गया, जिसे 2016 के उपचुनाव में टीएमसी ने जीता था। 2019 के लोकसभा चुनावों में लगभग 54,000 मतों के अंतर से कूच बिहार से मजबूत टीएमसी उम्मीदवार परेश चंद्र अधिकारी को हराने के बाद निसिथ ने भाजपा के केंद्रीय नेताओं का ध्यान आकर्षित किया।
3. जॉन बारला – ट्राइबल फैक्टर जॉन बारला कूचबिहार के भाजपा सांसद हैं। जॉन बारला ने ट्राइबल के लिए अलग राज्य की मांग की थी। वह उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल में आदिवासी समुदायों के बीच भाजपा की पकड़ मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
4. डॉ. सुभाष सरकार – जंगलमहल फैक्टर डॉ सुभाष सरकार पेशे से एक डॉक्टर हैं। वह 2019 के आम चुनाव में भाजपा के सदस्य के रूप में बांकुरा, पश्चिम बंगाल से लोकसभा के लिए चुने गए थे। डॉ. सुभाष सरकार को संगठन का आदमी माना जाता है और उनका जंगलमहल इलाके में काफी प्रभाव है। विधानसभा चुनाव में भी उनके इलाके में बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।
बंगाल से इस्तीफा देने वाले मंत्री मोदी मंत्रिमंडल पुनर्गठन से पहले बंगाल से मंत्री पद से इस्तीफा देने वालों में बाबुल सुप्रियो और देवश्री चौधरी का नाम शामिल है। बाबुल सुप्रियो आसनसोल से सांसद हैं और केंद्रीय मंत्रिपरिषद में भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम राज्य मंत्री का प्रभार उनके पास था। जबकि देबश्री चौधरी रायगंज से बीजेपी की सांसद हैं और फिलहाल महिला और बाल कल्याण राज्य मंत्री मंत्री थीं।