मंगलवार को विज ने मांग की है कि हरियाणा के सीआईडी प्रमुख अनिल राव को हटाना चाहिए और उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया जाना चाहिए। मंगलवार को पता चला कि राव से नाखुश विज ने प्रभावहीनता, अवहेलना और कर्तव्य न निभाने के कारण गृह सचिव से राव को हटाने के लिए कहा है।
भाजपा सांसद का सबसे बड़ा खुलासा, विरोध प्रदर्शन की वजह CAA नहीं बल्कि राम मंदिर है मीडिया से बातचीत में विज ने कहा, “वह (सीआईडी प्रमुख) बार-बार मांगे जाने के बावजूद मुझे खुफिया इनपुट्स नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से राज्य की शांति और सौहार्द में किसी भी वक्त खतरा हो सकता है। मैंने इस लापरवाही के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है।”
खट्टर को लिखे पत्र में विज ने कहा कि सीआईडी प्रमुख ने उन्हें राज्य की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दी है। विज ने मांग की कि राव की जगह सीआईडी प्रमुख की कमान श्रीकांत जाधव को सौंपी जानी चाहिए, जो एक अन्य वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।
2016 में जाट आरक्षण हिंसा के दौरान लापरवाही के लिए जाधव को पिछली भाजपा सरकार ने निलंबित कर दिया था। बाद में उन्हें तकनीकी आधार पर बहाल कर दिया गया। सीआईडी के नियंत्रण को लेकर खट्टर और विज के बीच पहले से ही वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।
केंद्रीय मंत्री ने दी सबसे बड़ी खुशखबरी, 1-2 नहीं इतने करोड़ लोगों को रोजगार मिलना तय खट्टर ने कई बार स्पष्ट किया है कि दशकों से चली आ रही प्रथा के तहत सीआईडी मुख्यमंत्री के अधीन रहा है न कि गृहमंत्री के अधीन। यहां तक कि आधिकारिक वेबसाइट से भी पता चलता है कि खट्टर के पास कुल 17 विभाग हैं, जिनमें सीआईडी भी शामिल है।
हालांकि विज का मानना है कि सीआईडी गृह विभाग का हिस्सा है और उन्होंने कई मौकों पर इसकी कार्यप्रणाली पर नाराजगी दिखाई है। उन्होंने हाल ही में सीआईडी के कामकाज में सुधार के लिए गृह सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
दिल्ली चुनावः आचार संहिता उल्लघंन में एक ही दिन 184 मामले दर्ज अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा सरकार में नियम के मुताबिक सीआईडी को गृह विभाग के हिस्से के रूप में दर्शाया गया है। लेकिन नियम बताता है कि सीआईडी से संबंधित महत्वपूर्ण मामले मुख्य सचिव के माध्यम से किए जाने हैं, गृह सचिव के नहीं। अब यह देखना है कि मुख्यमंत्री सीआईडी प्रमुख के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं या नहीं।
हालांकि गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया, “वह (अनिल राव) सरकारी कर्मचारी हैं और अगर वह अपनी ड्यूटी सही से नहीं कर रहे हैं तो उनसे सवाल करना हमारी ड्यूटी है। मुख्यमंत्री के साथ मेरा कोई विवाद नहीं है।”