पाक उच्चायुक्त से मिले हुर्रियत नेता, बोले-कश्मीर का हल सेना नहीं
हुर्रियत का मानना है कि कश्मीर एक राजनैतिक समस्या है, न कि सीमाई विवाद
नई दिल्ली। लगभग आठ महीने बाद पाकिस्तान के उच्चायुक्त और हुर्रियत कांफ्रेंस के बीच बातचीत का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। रविवार को हुर्रियत के उदारवादी गुट के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूख के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मुलाकात की। वैसे हुर्रियत नेता सोमवार को आयोजित होने वाले पाकिस्तान दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए बासित के निमंत्रण पर दिल्ली आए हैं।
इस दौरान घाटी के ताजा हालात और भारत-पाक के विदेश सचिव स्तर की बातचीत पर चर्चा भी हुई। मीरवाइज यहां सात सदस्यीय दल के साथ पहुंचे। मीरवाइज ने कहा कि सेना कश्मीर का हल नहीं है। वार्ता से भी इस समस्या को खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक समानांतर राजनीतिक प्रक्रिया की जरूरत है, हम उसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हुर्रियत का मानना है कि कश्मीर एक राजनैतिक समस्या है, न कि सीमाई विवाद।
मोदी सरकार ने नहीं दी तवज्जो
पिछले साल अगस्त में हुर्रियत नेताओं की पाक उच्चायुक्त की मुलाकात के बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द करने वाली मोदी सरकार इस मुलाकात को तवज्जो नहीं दे रही है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछली बार विदेश सचिव स्तर की वार्ता के पहले पाक उच्चायुक्त हुर्रियत नेताओं से मिल रहे थे, जो बातचीत का एजेंडा तय करने जैसा था। लेकिन इस बार वार्ता होने के बाद हुर्रियत नेताओं को केवल इसकी जानकारी दी गई है। इसके पहले विदेश सचिव स्तर की वार्ता के तत्काल बाद बासित अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात कर चुके हैं।
दो दिन पहले जताई थी संवाद की इच्छा
गौरतलब है कि मीरवाइज ने दो दिन पहले ही मोदी सरकार से बातचीत की इच्छा जताई थी। मीरवाइज का कहना था कि मोदी सरकार को यह फैसला करना है कि हुर्रियत और पाकिस्तान तथा दूसरे संबंधित पक्षों को कैसे शामिल करें।
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