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एक कुशल और परिपक्व नेता हैं कमलनाथ
बता दें कि लगातार 9 बार सांसद बन चुके कमलनाथ एक कुशल और परिपक्व नेता हैं। अपने चुनावी रणनीति से विरोधियों का मात देने की क्षमता रखते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में वनवास खत्म करने के लिए कमलनाथ को जिम्मेदाैरी सौंपी। कमलनाथ को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनाया। अपनी अध्यक्षता में कमलनाथ ने प्रदेश में कमजोर और शिथिल पड़ चुके कार्यकर्ताओं में एक नई जान फूंक दी। परिणाम यह हुआ कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के कगार पर खड़ी है।
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गांधी परिवार से बेहद करीबी रिश्ता
ऐसा कहा जाता है कि कमलनाथ का गांधी-नेहरू परिवार से काफी करीबी रिश्ता है। गांधी परिवार से कमलनाथ का यह रिश्ता बहुत पुरानी है। कमलनाथ और संजय गांधी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे। ये दोनों दून स्कूल में साथ पढ़ते थे। हालांकि इन दोनों की मित्रता संजय गांधी के मौत के साथ ही खत्म हुई, लेकिन कमलनाथ को इस दोस्ती ने गांधी परिवार के बहुत ही करीब पहुंचा दिया। इसके बाद से कमलनाथ लगातार गांधी परिवार के नजदीक रहे और सत्ता के शिखर तक भी पहुंचे।
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राजनीतिक करियर
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक मजबूत शख्स बनकर सामने आए कमलनाथ पहली बार 1980 में 7वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्य चुने गए थे। इसके बाद से 1997 के उपचुनाव को छोड़ दें जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था तो वे लगातार जीतते चले गए और एक रिकॉर्ड कायम किया। कमलनाथ 9 बार सांसद बने। कमलनाथ 1985 में आठवीं लोकसभा, 1989 में नौवीं लोकसभा, 1991 में दसवीं लोकसभा, 1999 में 13वीं लोकसभा, 2004 में 14वीं लोकसभा, 2009 में 15 वीं लोकसभा और 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए। बता दें कि साफ-सुथरा छवि के कमनाथ पर हवाला कांड में शामिल होने का आरोप लगा। जिसके लिए वे 1996 में चुनाव नहीं लड़ पाए। तब कांग्रे ने उनकी पत्नी अल्का को टिकट दिया जो कि भारी मतों से विजय हुईं। हालांकि जब एक वर्ष बाद कमलनाथ हवाला कांड से बरी हुए तो अल्का ने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। लेकिन इस बार वे भाजपा के सुंदरलाल पटवा से हार गए। कमलनाथ ने कांग्रेस कार्यकाल में कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली। कांग्रेस कार्यकाल में कमलनाथ ने कपड़ा मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय,सड़क और परिवहन मंत्रालय आदि जिम्मेदारियां संभाली। कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंडवाडा में लोग उन्हें विकास पुरुष के तौर पर जानते हैं।
34 की उम्र में पहली बार बने सांसद
आपको बता दें कि 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में जन्मे कमलनाथ ने देहरादून से अपनी स्कूल की पढ़ाई की। उसके बाद कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। इसके बाद 34 वर्ष की उम्र में पहली बार मध्यप्रदेश की धरती छिंदवाडा से सांसद बनकर संसद भवन पहुंचे। कमलनाथ को बिजनेस टायकून के तौर पर जाना जाता है। मौजूदा समय में वे 23 कंपनियों के मालिक हैं। हालांकि उनकी ये कंपनियां उनके दोनों बेटे चलाते हैं।