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कर्नाटक चुनाव परिणाम: इन 5 बातों पर टिका राज्य का सियासी गणित, कौन होगा सीएम?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को 2019 लोकसभा चुनाव सेमीफाइनल माना जा रहा है।

May 15, 2018 / 10:47 am

Mohit sharma

KARNATAKA ASSEMBLY ELECTIONS 2018

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। 2019 में होने वाले आम चुनावों को लेकर कर्नाटक चुनाव काफी महत्वपूर्ण समझे जा रहे हैं। यहां तक कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव सेमीफाइनल माना जा रहा है। यही वजह है कि चुनावी परिणाम अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गजों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि पीएम मोदी और राहुल गांधी भी अपने चुनावी बेड़े के साथ राज्य में डटे रहे। ऐसे में जरूरी है कर्नाटक चुनाव के नतीजों को भारतीय राजनीति पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्याकंन——

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कर्नाटक की राजनीति के 5 विकल्प —

1— अगर बीजेपी को मिला बहुमत?


एक्जिट पोल के अनुसार चुनावी परिणाम बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो बीएस येद्दयुरप्पा का कर्नाटक का सीएम बनना तय है। ऐसे में बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी सियासी गोटिंया बैठा सकती है। माना जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने के लिए पार्टी किसी
दलित नेता को राज्य के उप मुख्यमंत्री की कमान सौंप सकती है।

2— कांग्रेस पर सत्ता बचाने का दबाव

चूंकि कर्नाटक में कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी है। ऐसे में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी सत्ता बचाना है। राज्य में अगर फिर से कांग्रेस की लहर चलती है तो कर्नाटक के सीएम एक बार फिर से सिद्धारमैया होंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने के लिए कांग्रेस यहां किसी लिंगायत नेता को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दे सकती है।

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3— जेडीएस पर टिका गणित

कर्नाटक में जेडीएस पर सियासी गणित का हिसाब-किताब टिका है। जैसे की राज्य में त्रिशंकु नतीजे आने की संभावना भी जताई जा रही है। ऐसे में जेडीएस किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। सियासी जानकारों की मानें तो त्रिशंकु परिणाम आने पर बीजेपी जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास कर सकती है। इसके लिए दोनों ही दलों के नेताओं के आध-आधा कार्यकाल को सीएम पद की कुर्सी दी जा सकती है।

4— सीएम का चेहरा बदल सकती है कांग्रेस

कर्नाटक में अगर कांग्रेस अपनी सियासी किला बचाने में सफल होती है और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है तो पार्टी यहां सीएम का चेहरा बदल सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह समझी जा रही है कि ऐसे में कांग्रेस का जेडीएस के साथ गठबंधन करना तय है और जेडीएस सिद्धारमैया को पसंद नहीं करती।

5— जेडीएस संभाल सकती है सीएम की कमान

कनार्टक में विधानसभा चुनाव के त्रिशंकु परिणाम आने पर सियासी माहौल कुछ अलग दिखाई दे सकता है। ऐसे में यदि जेडीएस बड़े दल के रूप में उभरता है तो सीएम पद उसके खाते में जा सकता है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जेडीएस से गठबंधन करने का प्रयास करेंगी, जिसका लाभ उठाकर जेडीएस राज्य में सीएम पद की कमान संभाल सकता है।

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