…इसलिए अहम है यह बैठक कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही लगातार ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जो बताते हैं कि कर्नाटक में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और हाई वोल्टेज नाटक अभी भी जारी है।
– मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने बयान दिया था कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कृपा से मुख्यमंत्री बने हैं।
– जेडीएस के वरिष्ठ नेता एचडी देवेगौड़ा ने बयान दिया था कि कांग्रेस छोटे दलों को हल्के में लेने की भूल ना करें।
– सिद्दारमैया समेत कई दिग्गज कांग्रेसी जेडीएस के साथ बनी सरकार से असंतोष जाहिर कर चुके हैं।
– कांग्रेस के विधायकों ने एकजुट होकर पार्टी से नाराजगी होने की बात भी कही थी। कुछ विधायकों ने पार्टी छोड़ने की भी बात कही थी।
– डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने कुमारस्वामी के शपथग्रहण के ठीक बाद एक बड़ा बयान देते हुए कहा था, ‘हमने पांच साल तक मुख्यमंत्री पद के लिए कुमारस्वामी को समर्थन नहीं दिया है।’
येदियुरप्पा की कोशिशें जारी इन तमाम बयानों से कर्नाटक में सरकार की स्थिरता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। साथ ही बहुमत साबित करने में नाकाम रहने के चलते मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा किसी भी तरह से सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। बीच-बीच में जेडीएस और कांग्रेस नेताओं के भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में होने की बातें भी सामने आती रही हैं। ऐसे में रविवार को हुई बैठक बेहद अहम है। इसे तालमेल बनाए रखने के दिशा में अहम माना जा रहा है।