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केरल में बाढ़ से मची तबाही के बीच विदेश दौरे पर गए थे मंत्री, पहले बरसे सीएम, अब पार्टी लेगी एक्शन?

केरल में बाढ़ से मची तबाही के बीच जनता को छोड़ वहीं के मंत्री विदेश दौरे पर गए थे।

Aug 20, 2018 / 04:28 pm

Chandra Prakash

Kerala minister

केरल में बाढ़ से मची तबाही के बीच विदेश गए थे मंत्री, पहले बरसे सीएम, अब पार्टी लेगी एक्शन?

नई दिल्ली। केरल में 100 साल के सबसे बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं, हजारों जख्मी हैं और सैकडों काल के गाल में समा चुके हैं। पूरा देश केरल की मदद के लिए एकजुट हुआ है लेकिन केरल के ही मंत्री विदेश में जाकर सेमिनार में शामिल हो रहे थे। केरल के वन्य और जीव-जंतु संरक्षण मंत्री के.राजू राज्य में मचे त्राहिमाम के बीच जर्मनी में विश्व मलयाली काउंसिल के एक सम्मेलन में शामिल कर सोमवार को स्वेदश लौटे हैं। जिसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है।

तबाही छोड़ जर्मनी गए मंत्री जी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुनालूर विधानसभा से विधायक और सीपीआई नेता 17 अगस्त से 19 अगस्त तक जर्मनी के बायर्न में विश्व मलयाली काउंसिल द्वारा आयोजित 11 वें वैश्विक सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे। मीडिया में ये खबरें आने के बाद हंगामा मच गया। सीपीआई अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने मंत्री इस व्यवहार की कड़ी निंदा की। जिसके बाद पार्टी ने राजू को तुंरत केरल लौटने को कहा,लेकिन के. राजू सोमवार को लौटे।

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मंत्री पर एक्शन ले लेगी सीपीआई?

केरल सीपीआई अध्यक्ष कन्नम राजेंद्र ने कहा कि के.राजू का ये व्यवहार बर्दाश्त करने लायक नहीं था। पार्टी ने उन्हें तुरंत स्वदेश लौटने को कहा था। इसी बीच खबर है कि सीपीआई अपने मंत्री को लेकर सख्त नाराज है और पार्टी की धवि धूमिल करने के मामले में कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

साढ़े सात लाख लोग बेघर, 370 की मौत

केरल में 29 मई से शुरू हुई मॉनसूनी बारिश से लेकर अबतक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन ज्यादातर मौतें नौ अगस्त के बाद हुई हैं। रविवार को बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका की वजह से 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ।

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