मकसद में हम हुए कामयाब- कुमारस्वामी कुमारस्वामी ने कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद कहा था कि मेरा लक्ष्य है नरेंद्र मोदी और
अमित शाह के अश्वमेघ घोड़े को बांधना। हम इस मकसद में कामयाब हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस ने उसे पकड़ लिया और बांध दिया है। अब बिना जान का अश्वमेघ जल्द ही मोदी के पास जा सकता है।
ऐतिहासिक था शपथग्रहण समारोह- कुमारस्वामी कुमारस्वामी ने कहा कि शपथग्रहण में जिस तरह से दिग्गज नेताओं का जमावड़ा हुआ, यह ऐतिहासिक था। हालांकि, उन्होंने कहा कि ये नेता मुझे समर्थन देने नहीं आए, बल्कि ये लोग यह संदेश देने आए हैं कि 2019 में चुनौती बड़ी होगी। उनका मानना है कि देश को बचाने के लिए 2019 में कांग्रेस के साथ एकजुट होने की जरूरत है। कयास लगाया जा रहा है कि कुमारस्वामी के शपथग्रहण में जिस तरह से इतने बड़े स्तर पर विपक्ष के नेता एकजुट हुए हैं, ऐसे में स्थानीय नेता
ममता बनर्जी , चंद्रबाबू नायडू,
तेजस्वी यादव ,
अखिलेश यादव और
मायावती कांग्रेस के साथ एकजुट हो सकती हैं। शपथग्रहण समारोह में इतने दिग्गजों का एक साथ पहुंचना, कई तरह के सवाल उत्पन्न कर रहे हैं।
बहरहाल, काफी जद्दोजहद के बाद कर्नाटक में सियासी माहौल शांत हो गया। राज्य को अपना नया उत्तारधिकारी मिल गया है। लेकिन, कर्नाटक की राजनीति ने एक ओर जहां कई सवाल खड़े किए। वहीं, दूसरी ओर भाजपा को 2019 में घेरने के लिए कई तरह के राजनीतिक समीकरण भी बनने शुरू हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में कर्नाटक की सियासी हलचल क्या रंग दिखाती है।