scriptकांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का आखिरी भाषण, हू-ब-हू | Last speech of Sonia Gandhi as a congress president | Patrika News
राजनीति

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का आखिरी भाषण, हू-ब-हू

इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरी मां मुझसे छीनी गई है। इस हादसे ने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल डाला।

Dec 16, 2017 / 08:41 pm

Prashant Jha

AICC, SONIA GANDHI, RAHUL GANDHI, SONIA GANDHI ON RAHUL , Last speech of Sonia Gandhi as a congress president
नई दिल्ली: आज मैं आखिरी बार आपको कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रही हूं। एक नया दौर, एक नए नेतृत्व की उम्मीद आपके सामने है। बीस साल पहले जब आपने मुझे अध्यक्ष पद के लिए चुना और मैं इसी तरह आपको संबोधित करने के लिए यहां खड़ी थी, मेरे दिल में घबराहट थी, यहां तक कि मेरे हाथ कांप रहे थे। मैं सोच नहीं सकती थी कि किस तरह मैं इस ऐतिहासिक संगठन को संभालूंगी। मेरे सामने एक बहुत कठिन कर्तव्य था। तब तक राजनीति से मेरा नाता निजी था। जैसा कि आप सब जानते हैं कि राजीव जी और मेरा विवाह हुआ। उसी के जरिए मेरा राजनीति से परिचय हुआ।
राजनीति से मैं दूर रहना चाहती थी-सोनिया गांधी

सोनिया ने कहा कि जिस परिवार से मैं आई, वह एक क्रांतिकारी परिवार था। इंदिरा जी उसी क्रांतिकारी परिवार की बेटी थीं, जिस परिवार ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपनी धन-दौलत और पारिवारिक जीवन को त्याग दिया था। उस परिवार का एक-एक सदस्य इस देश की आजादी के लिए जेल जा चुका था। देश ही उनका मकसद था, देश ही उनका जीवन था। इंदिरा जी ने मुझे अपनी बेटी की तरह अपनाया। उनसे मैंने भारत की संस्कृति के बारे में सीखा, उन उसूलों के बारे में सीखा, जिन पर इस देश की नींव डली है। 1984 में उनकी हत्या हुई, मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कि मेरी मां मुझसे छीनी गई है। इस हादसे ने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल डाला। उन दिनों में मैं राजनीति को एक अलग नजरिए से देखती थी। मैं अपने आपको, अपने पति और बच्चों को इससे दूर ही रखना चाहती थी। मगर मेरे पति के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी थी, उसे अपना कर्तव्य समझ कर प्रधानमंत्री का पद स्वीकार कर लिया। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन्होंने दिन-रात एक किए। उनके साथ मैंने देश के कोने-कोने तक दौरा किया, लोगों की समस्या को समझा, देश के सामने चुनौतियों को पहचाना।
आप सबके सहयोग से कांग्रेस पार्टी दर्जनों राज्यों में सरकार बनाईं-सोनिया गांधी

इंदिरा जी की हत्या के बाद सिर्फ सात साल बीते थे कि मेरे पति की भी हत्या की गई। मेरा सहारा मुझसे छिन गया। इस दौर को पार करने में कई साल बीत गए। केवल जब मुझे महसूस होने लगा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हो रही है, उसके सामने गंभीर चुनौतियां आ रही हैं और सांप्रदायिक तत्व उभर रहे हैं, तभी मुझे पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की पुकार सुननी पड़ी। मुझे यह महसूस हुआ कि इस जिम्मेदारी को नकारने से इंदिरा जी और राजीव जी, दोनों की आत्मा को ठेस पहुंचेगी और उनका बलिदान व्यर्थ जाएगा, इसीलिए देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए मैं राजनीति में आई। उस समय कांग्रेस के पास जहां तक मुझे याद है, शायद केवल तीन राज्य सरकारें थीं, हम केंद्र सरकार से भी काफी दूर थे। इस चुनौती का सामना किसी एक व्यक्ति का चमत्कार नहीं कर सकता था। आप सबके सहयोग से हमने बेमिसाल कामयाबी हासिल की और एक के बाद एक दो दर्जन से अधिक प्रदेशों में हमारी सरकारें बनीं। ऐसे परिणाम मजबूत इरादे, अपने सिद्धांतों के प्रति संकल्प और समर्पण से प्राप्त होते हैं। आप सबके साथ मिलकर, लाखों कांग्रेसजनों ने, समाज के उन सभी वर्गों ने, जो हमारे सुख-दुख के साथी रहे हैं, हमारे प्रति विश्वास व्यक्त किया।
ये भी पढ़ें:राहुल गांधी के वो बयान, जिनकी कभी उड़ाई गई हंसी तो कभी हुई तारीफ

जनता को ध्यान में रखकर कई योजनाएं बनाईं-सोनिया गांधी
कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों इस जीवन यात्रा में आप मेरे हम सफर रहे हैं, मार्गदर्शक रहे हैं। मैं आप सबको धन्यवाद देती हूं कि आपने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है। मैंने आपसे जो कुछ भी सीखा और समझा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। मेरी अध्यक्षता के शुरुआती सालों में हमने मिलकर पार्टी के एक बद्ध और एक जुट रखने की लड़ाई लड़ी। सदी बदलने के बाद हमने शीघ्र ही एक प्रमुख विपक्षी दल की महत्वपूर्ण भूमिका को अपनाया और पांच सालों के अपने स्वतंत्रता संघर्ष और संविधान के मौलिक मूल्यों की दृढ़ता पूर्वक रक्षा की। दो हज़ार चार से अगले दस सालों तक हमारी पार्टी ने अन्य साथी दलों के साथ मिलकर देश की जनता के लिए एक जिम्मेदार और प्रगतिशील सरकरा दी, जिसका नेतृत्व डॉ मनमोहन सिंह जी ने पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ किया। हमने समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व और विकास किया। हम इस तथ्य पर गर्व करते हैं कि इस दौरान हमने ऐसे कानून बनाए, जो जनता के अधिकारों पर आधारित थे। जिनके बल पर शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन , रोजगार , जानकारी आदि के अधिकार का फायदा, हम देश के करोड़ों गरीब भाई-बहनों को दे पाए।
इतनी बड़ी चुनौती कभी नहीं रही-सोनिया गांधी
2014 से एक बार फिर हम विपक्ष की भूमिका अदा कर रहे हैं। शायद इतनी बड़ी चुनौती जितनी आज है, हमारे सामने कभी नहीं रही है। आज हमारे संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया जा रहा है। इसके साथ-साथ हमारी पार्टी कई चुनाव हार चुकी है। लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं में बेमिसाल साहस जीवित है। हम डरने वालों में से नहीं हैं। हम झुकने वाले नहीं हैं। हमारा संघर्ष इस देश की रूह के लिए है। हम इससे पीछे कभी नहीं हटेंगे।
देश की बुनियादी उसूलों पर हमला हो रहा-सोनिया गांधी

आप सब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हैं। उस भावना, उन उसूलों के रखवाले हैं। जिन पर यह देश बना है। यह कोई छोटी चीज नहीं है। सत्ता, शोहरत और स्वार्थ आपके मकसद नहीं हैं। आपका मकसद देश है, इस राष्ट्र के मूल्यों की रखवाली करना आपका उद्देश्य है। यही आपकी मंजिल है। हम सब जानते हैं कि किस तरह हमारे देश के बुनियादी उसूलों पर रोज-रोज हमला हो रहा है। बोलने और अपने आपको व्यक्त करने की आजादी को तोड़ा जा रहा है। हमारी मिलीजुली संस्कृति पर वार हो रहा है। हर तरफ से एक संदेह का माहौल है। इस बीच कांग्रेस को अपने अंतर्मन में झांक कर आगे बढ़ना होगा। अगर हम अपने उसूलों पर खुद खरे नहीं उतरेंगे। तो हम आम जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पाएंगे। यह एक नौतिक लड़ाई है। इसमें जीत हासिल करने के लिए हमें अपने आपको भी दुरुस्त करना पड़ेगा और किसी भी प्रकार के त्याग और बलिदान के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
राहुल बचपन से हिंसा और नुकसान का अपार दुख झेला

सोनिया ने कहा कि साथियों भारत एक युवा देश है। मुझे पूरी आशा है कि एक नवीन और युवा नेतृत्व के आगमन से हमारी पार्टी में एक नया जोश आएगा। जिनके द्वारा असली परिवर्तन हो सके। आपने इस नेतृत्व के लिए राहुल को चुना है। राहुल मेरा बेटा है। उसकी तारीफ करना मुझे उचित नहीं लगता। मगर मैं इतना जरूर कहूंगी कि बचपन से उसने हिंसा और नुकसान का अपार दुख झेला था। लेकिन राजनीति में आने पर उसने एक ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया, जिसने उसको और भी निडर और मजबूत दिल का इंसान बनाया है। मुझे उसकी सहनशीलता और दृढ्ता पर गर्व है और मुझे पूरा विश्वास है कि राहुल पार्टी का नेतृत्व सच्चे दिल, धैर्य और पूर्ण समर्पण के साथ करेंगे।
आप सभी को तहे दिल से शुक्रिया-सोनिया गांधी

साथियों जैसे आप सब एक नए रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, आपकी हर उपलब्धि में मेरी खुशी शामिल होगी। ये रास्ता हमारे पूर्वजों के विवेक, उनके उदार सिद्धांतों और कांग्रेस पार्टी की महान परपंराओं से मार्ग-दर्शित हो और देश के करोड़ों युवाओं और जन-जन की आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा साबित हो। सोनिया ने कहा कि साथियों 20 साल गुजर गए हैं। करीब-करीब एक जीवन सा बीत गया है आज इस जिम्मेदारी को छोड़ते हुए मैं आप सभी कांग्रेसजनों और हमारे देश के नागरिकों द्वारा दिए गए असीम प्यार, स्नेह और विश्वास के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।

Home / Political / कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का आखिरी भाषण, हू-ब-हू

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो