राजनीति

Madhya Pradesh Political Crisis: हरीश रावत बोले- कांग्रेस फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार, बीजेपी परेशान

सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे कमलनाथ
एमपी के राज्यपाल ने दिया विश्वासमत हासिल करने का आदेश
बागी विधायकों पर निर्भर है कमलनाथ का भविष्य

नई दिल्लीMar 15, 2020 / 10:13 pm

Dhirendra

फ्लोर टेस्ट पास करना कमलनाथ के लिए आसान नहीं।

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार की जीत तय है। हमें विश्वास मत हासिल करने का पूरा भरोसा है। इसलिए मध्य प्रदेश में सियासी संकट को लेकर बेचैनी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में है न कि कांग्रेस खेमे में। रावत ने कहा कि कांग्रेस के बागी विधायक भी हमारे संपर्क में हैं और वे लोग फ्लोर टेस्ट के दौरान पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सवाल किया कि अगर बीजेपी फ्लोर टेस्ट जीतने के लिए आश्वस्त है तो वो अपने विधायकों को दूसरे शहरों में क्यों भेज रही है। बीजेपी नेताओं को पता है कि उनके विधायक पार्टी के स्टैंड से सहमत नहीं है। इसलिए उन्हें पार्टी के नेताओं को प्रदेश से बाहर भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा।
16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करे सरकार

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। कांग्रेस के बागी विधायकों की वजह से कमलनाथ सरकार संकट में है। इस बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार आधी रात को राजभवन से एक पत्र राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ को भेजा गया।
राज्यपाल टंडन ने अपने पत्र में सीएम कमलनाथ से कहा है कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं से उन्हें प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उनकी सरकार ने सदन का विश्वासमत खो दिया है। कांग्रेस की सरकार अब अल्पमत में है। राज्यपाल ने कहा है कि ये स्थिति संवैधानिक दृष्टि से अत्यंत गंभीर है। सीएम कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें।
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क्यों उत्पन्न हुए ये हालात?

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में वर्तमान राजनीतिक सकंट कांग्रेस के पूर्व महासचिव और अब बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पैदा हुए हैं। सिंधिया के साथ उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी अपने इस्तीफे दे दिए हैं। इन्हीं बागी विधायकों की वजह से कमलनाथ सरकार अल्पमत में है।
हालांकि, विधायकों के इस्तीफों पर अब तक तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस बीच सोमवार 16 मार्च से विधानसभा का सत्र शुरू होना है जिसके मद्देनजर राज्यपाल ने कमलनाथ को पत्र लिखकर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है।
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