बता दें कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण की व्यवस्था कुछ समय के लिए की गई थी। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार का मानना है कि अब समुदाय अच्छा कर रहा है और उसे आरक्षण की आवश्यकता नहीं रह गई है। अगर जरूरत पड़ी तो बाद में आरक्षण पर फिर से विचार किया जा सकता है।
Prithvi ballistic missile: पृथ्वी-2 का रात में सफल परीक्षण, हमले की आशंका से लोकसभा के अलावा राज्य विधानसभाओं से भी एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए आरक्षण वापस लिया जा सकता है या नहीं, इस बात को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है।
एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण समाप्त करने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि एक बार बिल सदन पर रख दिया जाए फिर पूरी जानकारी मिल जाएगी। संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक लोकसभा में 2 सीट एंग्लो-इंडियन लोगों के लिए आरक्षित है। इस समुदाय के लोगों में से 2 लोगों को नामित किया जाता है। लेकिन इस समय किसी को भी नामित नहीं किया गया है। स्पीकर समेत वर्तमान लोकसभा में 4 दिसंबर तक 543 सदस्य हैं।
कर्नाटक: 15 सीटों पर सुबह से मतदान जारी, बीजेपी के लिए हर हाल में 6 सीटों पर जीत जरूरी बता दें कि सरकार एंग्लो-इंडियन समुदाय से 2 लोगों को लोकसभा के लिए नामित करती है, जो इसे पूरे 545 सदस्यों का हाउस बनाती है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में, एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्यों को नामित किया गया था. लेकिन दूसरे कार्यकाल में अभी तक कोई नामांकन नहीं किया गया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महिलाओं के हित में किया बड़ा ऐलान- रात में महिलाओं को पुलिस छोड़ेगी घर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि लोकसभा की 543 सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। जबकि देशभर के सभी राज्य विधानसभाओं में 614 सीट अनुसूचित जाति और 554 सीट अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षित है।