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जब प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे मुलायम सिंह यादव, जानिए क्या था कारण

मुलायम सिंह यादव की गिनती देश के दिग्गज राजनीतिज्ञों में की जाती थी।उत्‍तर प्रदेश की राजनीति के तो वे भीष्म पितामह थे ही साथ ही केंद्र की राजनीति में भी मुलायम सिंह का सिक्का चलता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि, मुलायम सिंह दो बार प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे।

Oct 10, 2022 / 11:34 am

धीरज शर्मा

Mulayam Singh Yadav How He Did Not Become Prime Minister

Mulayam Singh Yadav How He Did Not Become Prime Minister

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज राजनेता मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। मुलायम के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। वे सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के एक कद्दावर नेता थे। अपने 55 साल के राजनीतिक करियर में मुलायम सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री से लेकर देश के रक्षा मंत्री तक का पदभार संभाला। अपने राजनीतिक करियर में मुलायम सिंह यादव ने कई ऊंचाइयां हासिल की। हालांकि, उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाया। अपने लंबे राजनीतिक करियर में वे एक नहीं बल्कि दो बार प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए।
दो बार पीएम बनते बनते रह गए मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक सफर में कई बुलंदियों को छुआ। उत्तर प्रदेश की राजनीति के तो वे भीष्म पितामह थे ही, लेकिन केंद्र की राजनीति में भी मुलायम सिंह ने अपना दबदबा कायम रखा था।
हालांकि उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा ही रह गया।

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ऐसा दो बार हुआ जब वे पीएम बनने से चूक गए।
1. एक बार 1996 में मुलायम सिंह यादव का ये सपना अधूरा रह गया। दरअसल उस वक्त लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी। बीजेपी के खाते में 161 सीटें आई थीं। अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार बनाई जो सिर्फ 13 दिन ही चली। अब सवाल खड़ा हुआ कि नई सरकार कौन बनाएगा?

कांग्रेस के कोटे में 141 सीटें आई थीं। वह खिचड़ी सरकार बनाने के मूड में नहीं थी। तब वीपी सिंह पर सबकी नजरें टिक गई थीं। वह 1989 में मिली-जुली सरकार बना चुके थे। लेकिन, उन्‍होंने प्रधानमंत्री बनने से मना कर दिया।
इसके बाद मुलायम और लालू प्रसाद यादव का नाम आगे आया। चारा घोटाले के चलते लालू दौड़ से बाहर हो गए। वामदल के बड़े नेता हर किशन सिंह सुरजीत ने मुलायम के नाम की पैरवी की लेकिन, लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने मुलायम के नाम का विरोध किया। बाद में देवगौड़ा और आईके गुजराल मंत्रिमंडल में वह रक्षा मंत्री रहे।
2. दूसरी बार 1999 में ऐसा मौका बना जब वे देश के प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन उस दौरान भी उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया। 1999 में मुलायम सिंह ने संभल और कन्नौज सीट से जीत हासिल की। दोबारा मुलायम सिंह यादव का नाम सामने आया। लेकिन, दूसरे यादव नेताओं ने फिर अपने हाथ पीछे खींच लिए। इस तरह दो बार वह प्रधानमंत्री बनने से बस थोड़ा सा दूर रह गए।
इस वजह से पूरा नहीं हुआ मुलायम का सपना
मुलायम ने खुद इस बात को स्वीकार किया था, कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। लेकिन, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्र बाबू नायडू और वीपी सिंह के कारण प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।

चरण सिंह बुलाते थे नन्हें नेपोलियन
मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक दांवपेंच समझना हर किसी के बस की बात नहीं थी। अपने ठेठ देसी अंदाज के चलते वे लोगों के चहीते तो थे ही, साथ ही राजनेताओं के बीच भी उनकी छवि अच्छी थी।

चरण सिंह मुलायम को ‘नन्‍हा नेपोलियन’ कहकर बुलाते थे। क्योंकि मुलायम सिंह ने राजनीति के अखाड़े में कई दिग्गजों को धोबी पछाड़ खिलाई थी।

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