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जन्मदिन विशेषः राजनेता से पहले एक कवि, गीतकार, लेखक और पत्रकार भी रहे हैं नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी के बारे में यह तो सबको पता है कि वो एक बड़े राजनेता हैं। लेकिन यह शायद कम ही लोगों को पता है कि मोदी राजनेता के अलावा एक लेखक, कवि, गीतकार और पत्रकार भी रहे हैं।

Writer PM Modi

नरेंद्र मोदीः राजनेता से पहले एक कवि, गीतकार, लेखक और पत्रकार भी रहे हैं

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज सोमवार को 68वां जन्मदिन है। देश और दुनिया के सबसे मशहूर नेताओं में शुमार हो चुके नरेंद्र मोदी के बारे में यह तो सबको पता है कि वो एक बड़े राजनेता हैं। लेकिन यह शायद कम ही लोगों को पता है कि मोदी राजनेता के अलावा एक लेखक, कवि, गीतकार और पत्रकार भी रहे हैं।
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किशोर मकवाना नामक लेखक ने ‘कॉमनमैन नरेंद्र मोदी’ नाम से एक किताब लिखी है, जिसमें मोदी की जीवनी और उनसे जुड़े कई रोचक और छिपे पहलू भी हैं। इसी किताब में मोदी को शब्द के आराधक भी बताया गया है। इसमें किशोर मकवाना लिखते हैं कि नरेंद्र मोदी पर सरस्वती देवी प्रसन्न हैं। जब मोदी बोलते हैं तो मां शारदा उनकी जीभ पर और जब वो लिखते हैं तो उंगलियों के पोरों पर विराजमान रहती हैं।
PM Modi
IMAGE CREDIT: फाइल फोटो
मोदी ने चरित्र प्रधान निबंध ही नहीं कहानियां भी लिखी हैं। उन्होंने व्यक्ति विशेष, त्योहार, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक जैसे तमाम विषयों पर लिखा भी है। वो कवि, गीतकार भी हैं और उनके लिखे गीतों की म्यूजिकल सीडी भी बनी है। किताब में बताया गया है कि जब मोदी मंत्री नहीं थे, तब उनकी पुस्तकें काफी लोकप्रिय थीं। उनकी किताबें बेस्ट सेलर भी बनीं। 1974 में जब उनकी उम्र केवल 25 वर्ष थी, तब उन्होंने ‘संघर्ष में गुजरात’ नामक एक किताब भी लिखी। 70 के दशक में ‘चांदनी’ नामक एक गुजराती पत्रिका में उनकी कहानियां और लघु उपन्यास भी प्रकाशित हुए।
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किताब के मुताबिक मोदी की लेखन शैली बचपन से ही अच्छी थी। जब मोदी आठवीं कक्षा में पढ़ते थे, तब ही उन्होंने ‘पीला फूल’ नामक एक नाटक लिखा। करीब 13 वर्ष की उम्र में लिखे गए इस नाटक का एक मंचन भी हुआ। वहीं, जब वो 25 साल के थे तो आपातकाल के दौरान उन्होंने लोक जागरण के लिए प्रकाशित ‘सत्यवाणी’ पत्रिका का संपादन भी किया। लगातार तीन साल तक वो ‘साधना’ साप्ताहिक में ‘अनिकेत’ उपनाम से ‘अक्षर उपवन’ नामक एक स्तंभ भी लिखते रहे। इस स्तंभ में उन्होंने राजनीति, समाज, व्यक्ति विशेष, संस्कृति आदि विषय पर लिखा।
नरेंद्र मोदी का एक कहानी संग्रह ‘प्रेमतीर्थ’ नाम से है। उनकी पुस्तक ‘ज्योतिपुंज’ में व्यक्तित्वों पर अनूठे और रोचक लेख हैं। उन्होंने ‘स्वान्तः सुखाय’ भी लिखा। अंत में पीएम मोदी द्वारा लिखी गई कविता की दो पंक्तियां:

‘जिंदगी के यार हैं हम

और छलकता अल्हड़ प्यार हैं हम।

मन चाहे तो उड़ते हैं

या दरिया में डूब लगाते हैं हम,

अपनी मरजी के दरबार हैं हम।’

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