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विदिशा

सरकारी योजनाओं की निगरानी में और सख्ती की जरूरत

अफसरों और बिचौलियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा आम आदमी तक नहीं पहुंच पाता

विदिशाJan 06, 2022 / 07:44 pm

राजीव जैन

opinion on Seronj Janpad CEO Shobhit tripathi

opinion on Seronj Janpad CEO Shobhit tripathi

सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी कर आम लोगों को फायदा पहुंचने की जगह जनता का यह धन अफसरों और बिचौलियों के पास जा रहा है। ताजा मामला विदिशा जिले के सिरोंज इलाके का है। यहां श्रमिक कल्याण योजना में श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह के नाम पर फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए निकाल लिए। ऐसा करने वाले वही अफसर थे, जिनके पास योजना की निगरानी का काम था। सत्ताधारी दल के ही स्थानीय विधायक के विधानसभा सत्र के दौरान यह मामला उठाने के बाद ही इसका खुलासा हो पाया। अन्यथा इस पर स्थानीय प्रशासन के बूते कार्रवाई हो पाना संभव नहीं था। सिरोंज जनपद पंचायत सीइओ ने लॉकडाउन के समय श्रमिकों की बेटियों का विवाह बताकर सरकारी धन निकाल लिया। इसमें अचरज की बात यह भी थी कि जब प्रशासन किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दे रहा था उन दिनों में यह सरकारी आयोजन बताकर फर्जीवाड़ा किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि कई श्रमिक 27-28 साल के ही हैं। उनकी 2-5 वर्ष की बेटियों के विवाह के नाम पर सरकारी योजना की राशि निकाल ली। जांच प्रतिवेदन में यह भी जिक्र है कि जिन श्रमिकों ने आवेदन ही नहीं किया, उनके नाम से भी राशि निकाल ली गई। योजना में करीब 30 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हुआ, जिनमें से बड़ी संख्या में अपात्र भी शामिल हैं। हालांकि सरकार ने मामला सामने आते ही पहले जनपद पंचायत सीइओ को निलंबित किया, फिर उस पर गबन और भ्रष्टाचार सहित कई मामलों में एफआइआर दर्ज कराई। सरकार की साख बचाने के लिए यह काफी हो सकता है, पर इस मामले में अन्य लोगों के शामिल होने से संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने खुद चिंता जाहिर की है कि प्रदेश में और ऐसे मामले हो तो जांच करें। उन्होंने ऐसे अफसरों की बर्खास्तगी करने और जेल भेजने की बात भी कही। पर इतना ही काफी नहीं है इसके लिए सरकारी योजनाओं में और पारदर्शिता की जरूरत है। सरकार को ऐसा सिस्टम बनाने की जरूरत है, जिससे बिना हितग्राही की सहमति के यह राशि कोई निकाल न पाए। हितग्राही को आधार कार्ड से लिंक करना और सीधे बैंक खाते में राशि भेजना भी फर्जीवाड़े रोकने के विकल्प हो सकते हैं। सरकार को निगरानी में और सख्ती की जरूरत है। आम लोगों को भी जागरूक रहना होगा, जिससे जनता की गाढ़ी कमाई के सरकारी धन का दुरुपयोग न हो पाए।
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