जीत के लिए कांग्रेस ने बदली रणनीति
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार से खुद को दूर रहने के पहले के फैसले को पलटते हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने जा रही हैं। राहुल गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली बार है, जब सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करने जा रही हैं। ऐसी भी बात नहीं है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से सोनिया गांधी चुनाव प्रचार से दूर हैं। उन्होंने राहुल के अध्यक्ष बनने से पहले ही चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी। हालांकि कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को सौंपने के बाद से उन्होंने चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूरी बना ली थी। आपको बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान होने हैं।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार से खुद को दूर रहने के पहले के फैसले को पलटते हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने जा रही हैं। राहुल गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली बार है, जब सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करने जा रही हैं। ऐसी भी बात नहीं है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से सोनिया गांधी चुनाव प्रचार से दूर हैं। उन्होंने राहुल के अध्यक्ष बनने से पहले ही चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी। हालांकि कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को सौंपने के बाद से उन्होंने चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूरी बना ली थी। आपको बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान होने हैं।
राहुल को मजबूती देने के लिए बदला मन
सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत अन्य राज्यों के चुनाव में भी प्रचार नहीं किया था। अब उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है। कर्नाटक में कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के मुताबिक विधानसभा चुनाव में पार्टी को फिर से जीत मिल सकती है और वह सत्ता में बरकरार रह सकती है। इसी के चलते सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को मजबूती देने के मकसद से बीजापुर में चुनावी रैली करने का फैसला लिया है।
सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत अन्य राज्यों के चुनाव में भी प्रचार नहीं किया था। अब उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है। कर्नाटक में कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के मुताबिक विधानसभा चुनाव में पार्टी को फिर से जीत मिल सकती है और वह सत्ता में बरकरार रह सकती है। इसी के चलते सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को मजबूती देने के मकसद से बीजापुर में चुनावी रैली करने का फैसला लिया है।
दक्षिण में शाह की अग्निपरीक्षा
दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज नेताओं ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए जोरदार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। पीएम मोदी ने शनिवार को चार चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इससे पहले एक मई को भी उन्होंने तीन रैलियों को और तीन मई को भी चुनावी रैली को संबोधित किया था। उन्होंने सूबे की सिद्धारमैया सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। शनिवार को चुनावी जनसभा में उन्होंने यहां तक कह डाला कि इस चुनाव के बाद कांग्रेस केवल पीपीपी बनकर रह जाएगी। यानि पंजाब, पुड्डूचेरी और परिवार की पार्टी बनकर रह जाएगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भी दक्षिण में लोकसभा चुनाव से पहले अग्निपरीक्षा है। इसलिए वो भी लगातार रैलियां कर रहे हैं। शाह कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोल रहे हैं।
दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज नेताओं ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए जोरदार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। पीएम मोदी ने शनिवार को चार चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इससे पहले एक मई को भी उन्होंने तीन रैलियों को और तीन मई को भी चुनावी रैली को संबोधित किया था। उन्होंने सूबे की सिद्धारमैया सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। शनिवार को चुनावी जनसभा में उन्होंने यहां तक कह डाला कि इस चुनाव के बाद कांग्रेस केवल पीपीपी बनकर रह जाएगी। यानि पंजाब, पुड्डूचेरी और परिवार की पार्टी बनकर रह जाएगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भी दक्षिण में लोकसभा चुनाव से पहले अग्निपरीक्षा है। इसलिए वो भी लगातार रैलियां कर रहे हैं। शाह कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोल रहे हैं।