Coronavirus: लॉकडाउन के बीच पलायन रोकने के लिए सेना को चार्ज दे सकता है गृह मंत्रालय दरअसल, उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली से इसकी सीमाओं तक प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच एक घमासान शुरू हो गया है। पिछले कुछ सप्ताह में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एक राजनीतिक दलों द्वारा एकजुटता का प्रदर्शन किए जाने के बाद यह घमासान सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में
AAP सरकार बनाने के लिए लोगों से झूठ बोला और उन्हें सपने दिखाए, लेकिन जब कोरोना वायरस महामारी आ गई तो उन्होंने प्रवासी श्रमिकों की जान जोखिम में डाल दी।
उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली ने प्रवासी लोगों के पानी और बिजली कनेक्शन काट दिए। पूरे लॉकडाउन के दौरान, व्यक्तियों को दिल्ली में भोजन और दूध की आपूर्ति नहीं की गई। यूपी सरकार के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि डीटीसी बसों ने सहायता देने के नाम पर इन लोगों को दिल्ली सीमा पर उतार दिया।
पलायन: कोरोना के खतरे के बीच आनंद विहार पर दिखा मजदूरों का रेला, घर वापसी को उमड़ी भीड़ यूपी सरकार के मुताबिक दिल्ली सरकार ने घोषणाएं करते हुए अनावश्यक अफवाहें फैला दीं कि यूपी की सीमा पर बसें हैं जो लोगों को उनके गंतव्य तक छोड़ने के लिए तैयार हैं।
अब दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर यह लोग डेरा डाले हुए हैं और बस अड्डे पर अपने-अपने गांव लौटने का प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन फंसे हुए प्रवासियों की मदद करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कल देर रात तक बैठक करते रहे।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “देर रात तक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बसों की व्यवस्था के लिए निर्देश जारी करने में व्यस्त थे।” सीएम ने अधिकारियों को ऐसे लोगों और उनके परिवारों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।
चीन ने तीन सप्ताह में कैसे पाया Coronavirus पर नियंत्रण, शंघाई से जयपुर के शख्स ने किया पूरा खुलासा बयान में कहा गया है, “रात में परिवहन अधिकारियों, ड्राइवरों और कंडक्टरों को घर से बुलाया गया था और दिल्ली सीमा पर फंसे लोगों को वापस लाने के लिए रात में 1,000 बसों की व्यवस्था की गई थी।”
शनिवार सुबह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लखनऊ के चारबाग बस स्टेशन पहुंचे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां पहुंचने वालों को भोजन और पानी मुहैया कराया जाए।
बाद में बसें कानपुर, बलिया, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, फैजाबाद, बस्ती, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, गोंडा, इटावा, बहराइच और श्रावस्ती के लिए रवाना होंगी।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान इस हेल्पलाइन का नंबर मिलाएं और तुरंत मदद पाएं प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत कुमार पांडे व्यक्तिगत रूप से बस डिपो में व्यवस्था की निगरानी के लिए मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि इन प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित गांवों में मुफ्त में घर भेजा जाएगा, लेकिन पहले उनकी कोरोना वायरस के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं, इन सबके बीच दिल्ली भाजपा इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा, तो आप नेता राघव चड्ढा ने ट्वीट कर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को कटघरे में खड़ा किया।
तिवारी ने कहा, “अरविंद केजरीवाल जी, DTC बसों में लोगों को भर दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा तो करवा दिए आप, CM साहेब हाथ जोड़ के विनम्र निवेदन है कि 15 दिनों का राशन हर परिवार को दें और उन्ही बसों में इनको वापिस दिल्ली में ही जहाँ रहते हैं वहां छुड़वा दें, नहीं तो ये गंभीर समस्या का रूप ले लेगा।”
BIG NEWS: कहीं कोरोना वायरस को लेकर आपको भी तो नहीं पता हैं यह 10 बातें, जो सही नहीं बल्कि पूरी तरह गलत हैं वहीं, चड्ढा ने ट्वीट किया, “सूत्रों की मानें तो योगी जी दिल्ली से यूपी जा रहे प्रवासियों की पिटाई कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि आप दिल्ली क्यों गए और आपको दोबारा दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यूपी सरकार से मेरी अपील है कि वह ऐसा न करें। इस मुश्किल घड़ी में परेशानियों को ना बढ़ाएं।”