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राम मंदिर निर्माण पर हुए मुखर
तोगड़िया ने वीएचपी के नए नेतृत्व से भी अनशन में शामिल होने की मांग की। वीएचपी पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि नया नेतृत्व राम मंदिर निर्माण और हिन्दुत्व से जुड़े मुद्दों पर अपना एजेंडा जाहिर करे। पूर्व वीएचपी नेता ने कहा कि जनता से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और कश्मीर से धारा 370 हटाने जैसे वादे किए गए थे। इन वादों के आधार पर ही वह अपनी मांग पर अड़े हैं।
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बीजेपी और संघ से नाराज थे तोगड़िया
दरअसल, अयोध्या राम मंदिर विवाद पर संसद में कानून बनाए जाने की मांग पर अड़िग तोगड़िया लंबे से समय बीजेपी व संघ से नाराज थे। यहां तक की वह कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सार्वजनिक रूप से आलोचना कर चुके हैं। यही कारण है कि वीएचपी अध्यक्ष पद से उनका जाना तय माना जा रहा था। बता दें कि वीएचपी की स्थापना 29 अगस्त 1964 को हुई थी। इसके बाद पहली बार परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव कराया गया है। चुनाव में कुल 192 लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया। इसमें से विष्णु सदाशिव कोकजे को 131 और तोगड़िया के नजदीकी राघव रेड्डी को 60 वोट पड़े। जिसके बाद कोकजे को वीएचपी का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया गया था।