समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को अप्रत्यक्ष रूप से सुनाते हुए कहा कि यदि आप मुझे निर्णय लेने की अनुमति नहीं देंगे तो मैं कुछ नहीं कर सकता। उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने रिएक्ट करते हुए पूछा कि उनसे यह किसने कहा। मुझे यह देखना पड़ेगा, सिद्धू ने ऐसा क्यों कहा है? सभी स्टेट चीफ को समस्त अधिकार मिले हुए हैं। वे पार्टी के संविधान की मर्यादा में रहते हुए कोई भी निर्णय ले सकते हैं।
रावत ने आगे कहा कि जहां तक सिद्धू के सलाहकारों की बात है, हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कांग्रेस को वे स्वीकार्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि सिद्धू के दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली तथा प्यारे लाल गर्ग के विवादास्पद बयानों के चलते पार्टी की चहुंओर आलोचना हो रही थी। जिस पर हरीश रावत ने एक दिन पहले ही नवजोत सिंह सिद्धू को अपने सलाहकारों को हटाने का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि यदि उन्होंने नहीं हटाया तो फिर पार्टी निर्णय लेगी। इस पर आज एक सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने अपनी इस्तीफा दे दिया है।
पंजाब कांग्रेस में चल रही इस खींचतान के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विधायकों को भोज पर आमंत्रित कर अपनी ताकत का परिचय दिया। डिनर के दौरान उन्होंने पार्टी के 55 विधायकों तथा आठ सांसदों से भी मुलाकात की। आपको बता दें कि राज्य में पार्टी के कुल 80 विधायक तथा 8 सांसद हैं। इनमें से 25 विधायकों को सिद्धू गुट का माना जाता है।